लोकपाल का नाम सुझाने हेतु गठित समिति की पहली बैठक आयोजित

अधिकारियों के अनुसार, माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकपाल प्रमुख और सदस्यों की नियुक्तियों से संबंधित तौर-तरीकों पर चर्चा की.

Jan 30, 2019, 13:10 IST
Lokpal search panel holds first meeting
Lokpal search panel holds first meeting

भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल के अध्यक्ष व सदस्यों के चुनाव के लिए गठित आठ सदस्यीय समिति ने 29 जनवरी 2019 को नई दिल्ली अपनी पहली बैठक की. समिति ने मोदी सरकार द्वारा गठन के चार महीने बाद पहली बैठक की है.

अधिकारियों के अनुसार, माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकपाल प्रमुख और सदस्यों की नियुक्तियों से संबंधित तौर-तरीकों पर चर्चा की.

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार:

गौरतलब है कि 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों के प्रस्तावित नामों की सूची सौंपने के लिए सर्च कमेटी को फरवरी अंत तक का वक्त दिया था.

भ्रष्टाचार पर अंकुश:

सरकारी सेवकों के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त के गठन संबंधी कानून वर्ष 2013 में पारित हुआ था.

गठित कमेटी में सदस्य:

सितंबर 2018 में गठित कमेटी में भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश और इसरो के पूर्व प्रमुख एएस किरन कुमार सदस्य बनाए गए हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सखा राम सिंह यादव, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख सब्बीरहुसैन एस खंडवावाला, राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी ललित के पंवार और रंजीत कुमार कमेटी के अन्य सदस्य हैं.

लोकपाल के बारे में:

लोकपाल उच्च सरकारी पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने एवं उस पर कार्यवाही करने के निमित्त पद है.

संयुक्त राष्ट्र संघ के एक सेमिनार में राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों के आचरण तथा कर्तव्य पालन की विश्वसनीयता तथा पारदर्शिता को लेकर दुनिया की विभिन्न राजनीतिक प्रणालियों में उपलब्ध संस्थाओं की जांच की गई.

स्टॉकहोम में हुए इस सम्मलेन में वर्षों पूर्व आम आदमी की प्रशासन के प्रति विश्वसनीयता तथा प्रशासन के माध्यम से आम आदमी के प्रति सत्तासीन व्यक्तियों की जवाबदेही बनाए रखने के संबंध में विचार-विमर्श हुआ.

लोकपाल का लाभ:

लोकपाल के पास सेना को छोड़कर प्रधानमंत्री से लेकर नीचे चपरासी तक किसी भी जन सेवक (किसी भी स्तर का सरकारी अधिकारी, मंत्री, पंचायत सदस्य आदि) के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की सुनवाई का अधिकार होगा. वह साथ ही इन सभी की संपत्ति को कुर्क भी कर सकता है. विशेष परिस्थितियों में लोकपाल को किसी आदमी के खिलाफ अदालती ट्रायल चलाने और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का भी अधिकार होगा.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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