केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभू ने 13 जून 2017 को यात्री अनुभव बढाने हेतु मिशन रेट्रो फिटमेंट का शुभारंभ किया.
बेहतर साज-सज्जा, सोंदर्यकरण तथा सुविधाओं वाले सवारी डिब्बों के मौजूदा बेडे को उन्नयित कर तथा संरक्षित व सुविधाजनक यात्रा प्रदान करने के दृष्टिकोण से बेहतर संरक्षा विशेषताओं का प्रावधान करके यात्री अनुभव की अभिवृद्धि हेतु रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभू ने रेल भवन में मिशन रेट्रो-फिटमेंट का शुभारम्भ किया.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• रेट्रो फिटनेस मिशन भारतीय रेलों के सवारी डिब्बों में साज-सज्जा तथा सुविधाओं का स्तर ऊंचा करने का एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम है.
• यह विश्व की विशालतम रेट्रो फिटनेस परियोजनाओं में से एक है क्योंकि भारतीय रेलों के 40,000 हजार सवारी डिब्बों को अगले पांच वर्ष में सुसज्जित तथा रेट्रो सज्जित किया जाएगा.
• मिशन रेट्रो फिटमेंट बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की ओर एक प्रयास है जिसमें सवारी डिब्बों की आंतरिक सुसज्जा की जाएगी तथा संतुलित ड्राफ्ट गियर वाले सेंटर बफ़र कप्लर यात्रियों को ओर अधिक संरक्षा प्रदान करेंगे.
• यह वर्ष 2020 तक भारतीय रेलें यात्रियों को नया यात्री अनुभव देंगी. यह मिशन चुनौती भरा है क्योंकि यातायात परिचालन को प्रभावित किये बिना इसे सम्पन्न किया जाना है.
• इस अवसर पर रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभू ने एक पुस्तिका का भी विमोचन किया जिसमें रेट्रो फिटमेंट तथा साजो-सज्जा के विशाल प्रयास के पैमाने तथा दिशानिर्देश दिये गये हैं.
रेट्रो-फिटमेंट मिशन के दिशानिर्देश:
• सवारी डिब्बों की आंतरिक सज्जा का उन्नयन करना.
• वर्ष 2022-23 तक लगभग 40,000 उन्नयित आंतरिक सज्जा वाले सवारी डिब्बे शामिल करने की योजना है.
• लगभग 6,700 सवारी डिब्बों के नवीनीकरण के लिए चल स्टाक कार्यक्रम पहले ही स्वीकृत है.
• इसपर अनुमानित लागत लगभग 30 लाख रुपये प्रति सवारी डिब्बा है.
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