भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के 7 नए क्षेत्रों (सर्किल) की घोषणा की है. एक वीडियो संदेश में संस्कृति और पर्यटन मंत्री, प्रहलाद सिंह पटेल ने 26 अगस्त, 2020 को इस निर्णय के बारे में बताया.
पुरातात्विक स्मारकों के पंजीकरण और संरक्षण की प्रक्रिया को सुविधाजनक और मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के अनुसार ही यह कदम उठाया गया है. इससे पहले, पूरे भारत में 29 ASI सर्कल थे.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के 7 नए क्षेत्र
प्रहलाद सिंह पटेल ने अपने वीडियो संदेश में यह बताया है कि, ये नए क्षेत्र मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और गुजरात में बनाए गए हैं.
इन राज्यों में जिन स्थानों पर नए क्षेत्रों की घोषणा की गई है, उनके नाम हैं:
• रायगंज
• त्रिची
• राजकोट
• झांसी
• जबलपुर
• मेरठ
• हम्पी (उप-क्षेत्र जिसे अब एक नया पूर्ण सर्कल बनाया गया है)
ASI के नए क्षेत्रों का विवरण
इन नए क्षेत्रों की व्याख्या करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने इन स्थानों के महत्व और पुरातात्विक स्मारकों को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया.
• चूंकि तमिलनाडु में चोल राजाओं के हजारों मंदिर और शानदार यादें हैं, इसलिए त्रिची को सरकार ने चेन्नई के क्षेत्र के साथ एक नया क्षेत्र बना दिया है.
• कर्नाटक में, क्योंकि हम्पी शहर पुरातात्विक विरासत के दृष्टिकोण के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय महत्व का स्थान है, इसलिए मंत्रालय ने हम्पी को उप-क्षेत्र से एक नया पूर्ण क्षेत्र बनाने का फैसला किया.
• पश्चिम बंगाल के रायगंज को भी कोलकाता के साथ एक नए क्षेत्र के तौर पर बनाया गया है और यह भौगोलिक असुविधा को भी खत्म कर देगा.
• गुजरात में राजकोट को वडोदरा के साथ एक नए क्षेत्र के तौर पर घोषित किया गया है.
• मध्य प्रदेश में, जबलपुर को भोपाल के साथ एक नए क्षेत्र के तौर पर घोषित किया गया है. इसमें रीवा, जबलपुर, सागर, शहडोल संभागों के स्मारक भी शामिल होंगे.
• उत्तर प्रदेश में, पश्चिमी यूपी के मेरठ और बुंदेलखंड में झांसी को आगरा और लखनऊ के साथ दो नए क्षेत्रों के तौर पर घोषित किया गया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation