डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने 07 मई 2021 को तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. उन्हें चेन्नई में राजभवन में गवर्नर बनवारीलाल पुरोहित ने पद की शपथ दिलवाई. उनके साथ साथ उनके कैबिनेट में आने वाले 33 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई है. पार्टी नेता दुरई मुरुगन ने जल संसाधन मंत्री के तौर पर शपथ ली है.
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन को 04 मई को विधायक दल का नेता चुन लिया गया था. राजभवन द्वारा 05 मई 2021 को दी गई जानकारी के अनुसार विधायक दल का नेता चुने जाने का पत्र सौंपने के बाद राज्यपाल ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी.
तमिलनाडु के गृहमंत्री के तौर पर शपथ
एमके स्टालिन को सीएम के अलावा तमिलनाडु के गृहमंत्री के तौर पर भी शपथ दिलाई गई है. इसके अलावा उनके पास प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं, विशेष योजनाओं, और दिव्यांगजनों की कल्याण योजनाओं का पोर्टफोलियो भी रहेगा.
Chennai: DMK Chief MK Stalin takes oath as the Chief Minister of Tamil Nadu.
— ANI (@ANI) May 7, 2021
He is being administered the oath by Governor Banwarilal Purohit pic.twitter.com/e8IZT1aNFz
छठी बार शासन करने का मौका
एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके को तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास में छठी बार शासन करने का मौका मिला है. डीएमके 2006-11, 1996-2001, 1989-91, 1971-76 और 1967-71 के दौरान राज्य पर शासन कर चुकी है.
राजभवन के आधिकारिक बयान में क्या कहा गया?
राजभवन के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि स्टालिन ने राजभवन आकर पुरोहित को वह पत्र सौंपा जिसमें उन्हें द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के विधायक दल का नेता चुनने की जानकारी दी गई थी. बयान में कहा गया है कि राज्यपाल पुरोहित ने उन्हें तमिलनाडु का मुख्यमंत्री नियुक्त करने के साथ मंत्रिमंडल बनाने के लिए आमंत्रित किया और सात मई को सुबह नौ बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा.
तमिलनाडु की 15वीं विधानसभा भंग
इससे पहले, पलानीस्वामी ने अपना और अपने मंत्रिमंडल का त्यागपत्र सोमवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को सौंपा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. विज्ञप्ति के मुताबिक, लेकिन पुरोहित ने उनसे और मौजूदा मंत्रिपरिषद से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया है. साथ ही राज्यपाल ने तमिलनाडु की 15वीं विधानसभा (2016 से 21) को भंग कर दिया है.
पृष्ठभूमि
02 मई 2021 को आए नतीजों में डीएमके ने तमिलनाडु विधानसभा की कुल 234 सीटों में से 133 पर कब्जा जमाया है. चुनाव आयोग के फाइनल नतीजों के मुताबिक, के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके को सिर्फ 66 सीटें ही मिल सकीं. डीएमके ने 133 सीटें और गठबंधन दलों ने कांग्रेस (18), वीसीके (4) और दो वाम दलों ने दो-दो सीटें जीती.
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