Cheetah Reintroduction Project: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र की चीता पुनर्वास परियोजना (cheetah reintroduction project) के तहत मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (KNP) में 25 से अधिक चीतों को लाया जायेगा. इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया जायेगा. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत में आठ चीते 17 सितंबर को कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुचेंगे.
चीता पुनर्वास परियोजना के तहत मंत्री जी ने मध्य प्रदेश का दौरा भी किया है, उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के साथ राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम सम्बंधित तैयारीयों का जायजा भी लिया है. उनके साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी भी उपस्थित थे.
चीता पुनर्वास परियोजना: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी देश में चीतों की संख्या में और बढ़ोत्तरी के लिए चीता पुनर्वास परियोजना का उद्घाटन 17 सितम्बर को करेंगे. 17 सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी जी का जन्म दिवस भी है. तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इन 8 चीतों को कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान के चीतों के लिए बने बाड़ो में छोड़ा जायेगा.
वाइल्ड चीता पुनर्वास कुनो नेशनल पार्क में हो रहा दुनिया में अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। स्वयं माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का 17 सितम्बर को कुनो में उपस्थित रहना हम सबको उत्साह और ऊर्जा प्रदान करेगा। pic.twitter.com/1zTsqVcO8x
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) September 11, 2022
भारत में चीता पुनर्वास कार्यक्रम:
- भारतीय वन्यजीव संस्थान ने भारत में चीतों के पुनर्वास की योजना बनायीं है. वर्ष 1952 में देश में चित्तीदार चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. वर्ष 1947 में अंतिम चित्तीदार चीता छत्तीसगढ़ राज्य में मृत अवस्था में पाया गया था.
- भारतीय वन्यजीव संस्थान ने विगत वर्षों में चीतों के संरक्षण के लिये 260 करोड़ रुपए आवंटित किये थे.
- भारत में चीतों को पुनः लाने के लिए, पर्यावरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की एक हालिया बैठक में एक संतुलित कार्ययोजना जारी की थी. जिसके तहत इन चीतों को भारत लाने की योजना बनायीं गयी है.
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अगले 5 वर्षों में नामीबिया से कुछ और चीतों को लाने की भी योजना प्रस्तुत की है.
- चीता पुनर्वास योजना के तहत भारत 17 सितम्बर को मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को लाया जा रहा है. इसके माध्यम से भारत अंतर-महाद्वीपीय पुनर्वास कार्यक्रम की भी शुरुआत करेगा.
अफ्रीकी चीता के बारे में:
- अफ्रीकी चीता का वैज्ञानिक नाम नाम एसिनोनिक्स जुबेटस (Acinonyx jubatus) है.
- बनावट: एशियाई चीतों की तुलना में इनके चेहरों पर अधिक मोटे धब्बे और लकीरें होते है.
- क्षेत्र: यह प्रजाति पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में पाई जाती है.
- संरक्षण स्थिति: इन चीतों को IUCN (International Union for Conservation of Nature) रेड लिस्ट की सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है. साथ भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के परिशिष्ट-2 में रखा गया है.
- तुलना: इनकी त्वचा सुनहरी और भूरी होती है. एशियाई चीतों की तुलना में इनकी बनावट अलग होती है.
- इसके विपरीत एशियाई चीतों को IUCN रेड लिस्ट की ‘अति संकटग्रस्त’ (Critically Endangered) सूची में रखा गया है.
कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान के बारे में:
- कुनो राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1981 में की गयी थी. यह राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर और मुरैना जिलों में फैला है. वर्ष 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था. यह खथियार-गिर के शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र का हिस्सा भी है. मध्य प्रदेश का कुनो राष्ट्रीय उद्यान एक प्रसिद्ध वन्यजीव क्षेत्र है.
- इस राष्ट्रीय उद्यान में चिंकारा, जंगली सुअर,चितल और सांभर जैसे वन्यजीव निवास करते है. इसके अतिरिक्त यहाँ बड़े मांसाहारी जानवर जैसे तेंदुआ और धारीदार लकड़बग्घा भी पाए जाते है. अब यहाँ चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत चीतों को भी शामिल किया जा रहा है.
- मध्य प्रदेश का एक पर्यटन रिसॉर्ट पार्क के बहुत पास स्थित है, जिससे यहाँ प्रतिवर्ष अधिक संख्या में पर्यटक आते रहते है.
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