जर्मनी में लेबनान के राजदूत, मुस्तफा अदीब देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे. आदिब को चार पूर्व लेबनान प्रधानमंत्रियों ने पद के लिए अपनी पसंद के तौर पर नामित किया गया.
पूर्व प्रधानमंत्री नजीब मिकाती पहले ऐसे सांसद थे जिन्होंने राष्ट्रपति महल में परामर्श के दौरान औपचारिक रूप से अदीब को नामित किया था. अदीब को कथित तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री साद अल-हरीरी का समर्थन भी प्राप्त है, जोकि सबसे बड़ी सुन्नी पार्टी - फ्यूचर मूवमेंट - के नेता हैं.
लेबनान की संप्रदायवादी व्यवस्था के तहत, प्रधानमंत्री के पद पर एक सुन्नी मुस्लिम को ही नियुक्त किया जाना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री के पद के लिए राष्ट्रपति और संसदीय ब्लाकों की पसंद के लिए, उनके बीच बाध्यकारी परामर्श की पूर्व संध्या पर अदीब का नाम आगे रखा गया.
लेबनानी राष्ट्रपति मिशेल एउन नए प्रधानमंत्री को नामित करने के लिए आधिकारिक परामर्श हेतु आज संसदीय ब्लाकों से मिलेंगे. उन्हें राष्ट्र के अगले प्रधानमंत्री के तौर पर सांसदों के बीच सबसे बड़ा समर्थन प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को नामांकित करना होता है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल ब्रॉन की दो दिवसीय यात्रा से पहले ही, मुस्तफा अदीब को 31 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री के पद के लिए नामित किया जाना था. फ्रांसीसी राष्ट्रपति से उम्मीद की जा रही है कि वे लेबनान के अधिकारियों पर दबाव डालकर देश को उसके कई संकटों से बाहर निकालने के लिए एक नया राजनीतिक समझौता करेंगे.
बेरुत विस्फोट के बाद लेबनान के मौजूदा प्रधानमंत्री हसन दीब ने दिया अपना इस्तीफ़ा
लेबनान के मौजूदा प्रधानमंत्री हसन दीब ने इस 10 अगस्त, 2020 को अपनी सरकार के इस्तीफे की घोषणा की थी, उन्हें विनाशकारी बेरुत विस्फोट पर सार्वजनिक आक्रोश का सामना करना पड़ा जिससे राजधानी शहर में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ और जिस विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई थी.
डायब ने यह घोषणा की थी कि, वे अपना इस्तीफ़ा दे रहे हैं ताकि वे लोगों के साथ खड़े हो सकें और उनके साथ बदलाव की लड़ाई लड़ सके. उन्होंने यह कहा कि, बेरूत को तबाह करने वाला दुर्भाग्यपूर्ण विस्फोट, स्थानिक भ्रष्टाचार का एक परिणाम था. इस विस्फोट की वजह से उनकी सरकार के विरोध में प्रदर्शन का एक सप्ताह बीतने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफ़ा दिया.
इस 04 अगस्त को लेबनान की राजधानी बेरूत में एक भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए और 6000 से अधिक लोग घायल हो गए थे. यह विस्फोट 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट के कारण हुआ, जो कई वर्षों से बेरूत के एक बंदरगाह के पास ही एक गोदाम में असुरक्षित तरीके से रखा हुआ था.
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