नमामि गंगे को लंदन में ग्लोबल वाटर समिट में सम्मानित किया गया

Apr 12, 2019, 11:53 IST

नमामि गंगे मिशन का मुख्य उद्देश्य गंगा की मुख्य धारा पर बसे 97 शहरों और 4465 गांवों के मुख्य प्रदूषण वाली जगहों का व्यापक और स्थायी समाधान प्रदान करना है.

Namami Gange awarded at Global Water Summit in London
Namami Gange awarded at Global Water Summit in London

लंदन में ग्लोबल वाटर समिट में 09 अप्रैल 2019 को ग्लोबल वाटर इंटेलिजेंस ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को ‘पब्लिक वाटर एजेंसी ऑफ द ईयर-डिस्टिंक्शन’ से सम्मानित किया है.

ग्लोबल वाटर समिट के दौरान प्रसिद्ध ग्लोबल वाटर अवार्ड्स दिया जाता है. यह कार्यक्रम जल के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस कॉन्फ्रेंस में से एक है. ग्लोबल वाटर अवार्ड्स पूरे अंतर्राष्ट्रीय जल उद्योग में उत्कृष्टता को पहचान देता हैं. पानी, अपशिष्ट जल प्रबंधन(वेस्ट वाटर मैनेजमेंट) और डीसेलिनेशन क्षेत्रों में उन पहलों को पुरस्कृत करते हैं, जो लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार लाते हैं.

नमामि गंगे मिशन का उद्देश्य:

नमामि गंगे मिशन का मुख्य उद्देश्य गंगा की मुख्य धारा पर बसे 97 शहरों और 4465 गांवों के मुख्य प्रदूषण वाली जगहों का व्यापक और स्थायी समाधान प्रदान करना है. यह मिशन न सिर्फ नई आधारिक संरचना (इंफ्रास्ट्रक्टर) का निर्माण कर रहा है, बल्कि पुरानी और खराब हो चुके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) का रख-रखाव, संचालन को सुनिश्चित करता है. इस परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी में पर्यावरण विनियमन और जल गुणवत्ता की निगरानी रखना है.

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नमामि गंगे के बारे में:

•   नमामि गंगे एक व्यापक पहल है जो गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण उन्मूलन और संरक्षण के उद्देश्य पर पहले से चल रहे और वर्तमान में शुरू किए गए प्रयासों को एकीकृत करती है.

•   नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नदी की सतही गंदगी की सफाई सीवरेज उपचार हेतु बुनियादी ढांचे, नदी तट विकास, जैव विविधता, वनीकरण और जन जागरूकता जैसी प्रमुख गतिविधियां सम्मिलित हैं.

•   नमामि गंगे योजना 13 मई 2005 को हरी झंडी दिखाई जिसमें एकीकृत होकर व्यापक तरीके से गंगा नदी को साफ करना व बचाना है. गंगा की मुख्य धारा को प्रदूषित करने में कानपुर एक बड़ा केंद्र रहा है.

•   नमामि गंगे के तहत 28,377 करोड़ रुपए की कुल लागत से 289 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 87 प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं. 23,158.93 करोड़ रुपए की लागत से 151 सीवरेज प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं, जिनमें गंगा के मुख्य धारा पर 112 और सहायक नदियों पर 39 प्रोजेक्ट है.

•   अब तक, प्रदूषण रोकथाम की 37 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2565 किलोमीटर सीवर नेटवर्क और गंगा बेसिन में 575 एमएलडी क्षमता की एसटीपी का निर्माण पूरा हो चुका है. 63 परियोजनाएं का कार्य चल रहा है और 51 टेंडर के विभिन्न चरणों में हैं. साल 2019 तक 35 परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है और 2020 तक 65 के पूरा होने की.

•   गंगा को 64 फीसदी प्रदूषित करने में हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और कोलकाता समेत 10 शहरों का बड़ा योगदान था. नमामि गंगे मिशन के तहत इन शहरों में सारे पहलूओं को व्यापक रूप से शामिल किया गया है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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