अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) में ब्रह्मांड की सबसे ठंडी प्रयोगशाला बनाने की घोषणा की है. ब्रह्मांड की सबसे ठंडी प्रयोगशाला हेतु नासा वहां एक विशेष प्रकार का बक्सा भेजेगी. नासा के अनुसार इस बक्से के अंदर लेजर, निर्वात और एक इलेक्ट्रोमैग्नेट होगा.
प्रयोगशाला के लाभ-
- इस प्रयोगशाला की मदद से गुरुत्वाकर्षण और डार्क मैटर को समझने की दिशा में बड़ी सफलता मिलने का अनुमान है.
- इलेक्ट्रोमैग्नेट की मदद से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर गैस परमाणुओं की ऊर्जा को तब तक सोखा जाएगा, जब तक कि वे पूरी तरह ठहर नहीं जाते.
- इस बक्से को कोल्ड एटम लैबोरेटरी नाम प्रदान किया गया है.
- नासा की योजना इसे अगस्त 2017 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) भेजने की है.
- यह बक्सा (कोल्ड एटम लैबोरेटरी) अंतरिक्ष से 10 करोड़ गुना अधिक ठंडा होगा.
- परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक रॉबर्ट थॉम्पसन के अनुसार इन ठंडे परमाणुओं पर अध्ययन के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण और डार्क एनर्जी को लेकर हमारी समझ को नया आयाम मिल सकेगा.
- वैज्ञानिकों के अनुसार इस तापमान पर आने के बाद पदार्थ कणों की बजाय तरंगों की तरह व्यवहार करने लगता है.
- क्वांटम भौतिकी के नियम इसी सिद्धांत पर आधारित हैं.
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