NASA का मंगल पर ऑपरच्यूनिटी मिशन 15 साल बाद हुआ निष्क्रिय

Feb 14, 2019, 16:57 IST

यह रोवर 15 साल पहले वर्ष 2004 में मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था. रोवर से संपर्क साधने में जुटे नासा के इंजीनियरों ने तूफान के चलते इसकी आंतरिक घड़ी में खराबी आने की आशंका जताई थी.

Nasa announces death of the Opportunity Mars Rover after 15 year exploration mission
Nasa announces death of the Opportunity Mars Rover after 15 year exploration mission

नासा के मुताबिक, मंगल ग्रह पर उसका ऑपरच्यूनिटी रोवर मिशन 15 साल बाद निष्क्रिय हो गया है. नासा ने इस रोवर को आखिरकार मृत घोषित कर दिया. नासा का यह रोवर मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा चलने वाला रोवर था.

 

रोवर मिशन निष्क्रिय क्यों?

दरअसल ऑपरच्यूनिटी रोवर को लगातार धूल भरे तूफान की वजह कई दिनों से धूप नहीं मिली है और इस वजह से सौर संचालित रोवर से संपर्क टूट गया है. मंगल ग्रह की सतह पर हाल में 15 वर्ष पूरे करने वाला नासा का ऑपरच्यूनिटी रोवर 7 महीने पहले मंगल ग्रह पर आए तूफान के कारण संभवत: ‘निष्क्रिय’ हो गया है.

मंगल ग्रह पर परसेवरेंस वैली में सौर संचालित ऑपरच्यूनिटी रोवर के ठहराव स्थल के ऊपर धूल छाने के कारण रोवर को सूर्य की रोशनी नहीं मिल सकी थी जिसकी वजह से उसकी बैटरियां चार्ज नहीं हो पाई थीं. बता दें कि, ऑपरच्यूनिटी रोवर के साथ वैज्ञानिकों का अंतिम संपर्क 10 जून 2018 को हुआ था. इसके बाद नासा ने इसे निष्क्रिय घोषित कर दिया.

नासा के बारे में:

नासा (National Aeronautics and Space Administration) संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है.

फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" है. 

नासा ने 14 सितंबर 2011 को घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे.

नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था.

इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया. तब से आज तक अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा संचालित किए गए हैं जिनमे अपोलो चन्द्रमा अभियान, स्कायलैब अंतरिक्ष स्टेशन और बाद में अंतरिक्ष शटल शामिल है.

वर्तमान में नासा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को समर्थन दे रही है और ओरायन बहु-उपयोगी कर्मीदल वाहन व व्यापारिक कर्मीदल वाहन के निर्माण व विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

 

ऑपरच्यूनिटी रोवर मिशन के बारे में:

यह रोवर 15 साल पहले वर्ष 2004 में मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था. रोवर से संपर्क साधने में जुटे नासा के इंजीनियरों ने तूफान के चलते इसकी आंतरिक घड़ी में खराबी आने की आशंका जताई थी. मंगल ग्रह के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ऑपरच्यूनिटी को 90 दिन का समय तय किया गया था, लेकिन इसने 14 से ज्यादा साल मंगल पर बिताए.

नासा के अनुसार, इस रोवर को महज 90 दिन और 1.006 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लाल ग्रह पर भेजा गया था लेकिन यह रोवर अब तक न सिर्फ 45 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका है बल्कि 5 हजार दिन भी पूरे कर लिए हैं.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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