अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानवरहित यान जूनो जुलाई 2017 के दूसरे सप्ताह में बृहस्पति ग्रह के काफी करीब पहुंच गया. नासा के वैज्ञानिकों के लिए एक अभूतपूर्व सफलता है. बृहस्पति ग्रह के इतना नजदीक पहुंचने में जूनो को जो सफलता हाथ लगी है वह अब तक किसी को नहीं मिली थी.
पिछले एक वर्ष से सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का चक्कर लगा रहे नासा के अंतरिक्ष यान जूनो की यह बड़ी सफलता है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा जारी जानकारी के अनुसार जूनो ने सफलतापूर्वक बृहस्पति के लाल धब्बे (ग्रेट रेड स्पॉट) के करीब से उड़ान भरी है. ग्रेट रेड स्पॉट एक भयंकर तूफान है जो लगभग 350 वर्ष से इस ग्रह पर बना हुआ है.
वैज्ञानिकों द्वारा कहा गया कि इन लाल धब्बों के पास से गुजरते समय जूनो के सभी उपकरण और कैमरे सही काम कर रहे थे. जूनो ने महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाए हैं जिसे पृथ्वी पर भेजा गया है हालांकि यह आंकड़े पृथ्वी तक पहुंचने में थोड़ा समय लेंगे. इन आंकड़ों के प्रयोगशाला तक पहुंचने के बाद इसकी तस्वीरें भी जारी की जाएंगीं.
वैज्ञानिक स्कॉट बोल्टन ने कहा कि कई पीढ़ियों से लोग इन लाल धब्बों को लेकर उत्सुक रहे हैं. अंतत: अब हम इसे करीब से जान सकेंगे.
गौरतलब है कि ग्रेट रेड स्पॉट नाम का यह तूफान लगभग 16,000 किलोमीटर में फैला है. वर्ष 1830 से वैज्ञानिकों ने इसकी पड़ताल करनी आरंभ कर दी थी. पिछले कुछ समय से इसके फैलाव में कमी आई है.
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जूनो यान
मानवरहित अंतरिक्ष यान जूनो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा सौर मंडल के पाँचवे ग्रह, बृहस्पति पर अध्ययन हेतु 05 अगस्त 2011 को पृथ्वी से छोड़ा गया एक अंतरिक्ष शोध यान है. इसका भार लगभग साढ़े तीन टन है. जूनो बृहस्पति के आस-पास ऐसी परिक्रमा कक्षा में स्थान लेगा जो इसे उस ग्रह के ध्रुवों के ऊपर से ले जाया करेगी. बृहस्पति की कक्षा में पहुंचने के लिए जूनो ने 5 वर्षों में करीब 280 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया. बृहस्पति के करीब पहुंचने पर इसकी रफ्तार 2 लाख 66 हजार किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी.
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