राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 01 जून 2018 को मणिपुर में देश के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय बनाने के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया गया है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 23 मई 2018 को इम्फाल में पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय बनाने की मंजूरी दी थी.
मुख्य तथ्य:
- राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय अध्यादेश , 2018 राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय विधेयक 2017 की तर्ज पर होगा जिसे 10 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था.
- यह पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जो खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबंधन, खेल प्रशिक्षण समेत खेल शिक्षा को बढ़ावा देगा.
- विधेयक में इस बात का जिक्र है कि विशेषज्ञ विश्वविद्यालय अपने तरह का इकलौता होगा और यहां अंतरराष्ट्रीय मानक का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
महत्व: विश्वविद्यालय देश में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के खेल प्रदर्शन में भी सुधार करेगा. इससे रोजगार उत्पादन भी बढ़ेगा. |
पृष्ठभूमि:
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014-15 के बजट भाषण में औपचारिक रूप से राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव की घोषणा की थी.
विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए, मणिपुर सरकार ने लगभग 325.90 एकड़ जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराई है.
विश्वविद्यालय के गठन से संबंधित विधेयक संसद में पेश किया जा चुका है और इसके लिए 524 करोड़ रुपये बजट की मंजूरी भी मिल गई है. फिलहाल देश में कुछ संस्थान हैं जो एथलीट और कोच के लिए विभिन्न तरह के पाठ्यक्रम चलाते हैं लेकिन खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, उच्च प्रदर्शन वाले प्रशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश के खेल वातावरण में कमी है. इस खेल विश्वविद्यालय से यह कमी पूरी हो जाएगी.
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