National Voters Day 2022: जानें क्यों मनाया जाता है मतदाता दिवस, क्या है इसका उद्देश्य

Jan 25, 2022, 10:42 IST

National Voters Day 2022: आपको बता दें कि मतदान करना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का अधिकार है क्योंकि हर एक वोट नई सरकार एवं लोकतंत्र के भाग्य का फैसला करता है.

National Voters' Day 2022
National Voters' Day 2022

National Voters Day 2022: प्रत्येक साल 25 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voter Day) मनाया जाता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करना है. आपको बता दें कि मतदान करना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का अधिकार है क्योंकि हर एक वोट नई सरकार एवं लोकतंत्र के भाग्य का फैसला करता है.

मतदान दिवस की शुरुआत भारत में मतदान को लेकर लोगों के कम होते रुझान को देखते हुए की गई थी. राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन, विभिन्न भाषण प्रतियोगिताओं, अभियान, नए मतदाताओं को वोटर आईडी वितरण, मतदाताओं की फोटोग्राफी, इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. Voter Day को मनाने की मुख्य उद्देश्य लोगों को वोट के प्रति जागरूक करना है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 की थीम

प्रत्येक साल राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उत्सव भिन्न-भिन्न समर्पित विषयों के इर्द-गिर्द घूमता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 की थीम 'मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता' है.

मतदाता दिवस पर क्या होता है?

यह दिवस मतदाताओं को समर्पित है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाई जाती है. नए मतदाताओं को वोटर सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रेरित किया जाता है. नए मतदाताओं को इस अवसर पर वोटर कार्ड देकर सम्मानित भी किया जाता है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत का उद्देश्य अधिक से अधिक मतदाताओं का सूची में नाम जोड़ना, मतदान के लिए प्रेरित करना है.

यह दिवस क्यों मनाया जाता है?

25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी. पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2011 को मनाया गया था. यह चुनाव आयोग का 61वां स्थापना दिवस था. राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2011 से प्रत्येक साल 25 जनवरी को ही मनाया जाता है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व

भारत में मतदान के लिए 18 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है. 18 वर्ष का कोई भी भारतीय नागरिक भारत में सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में मतदान का अधिकार प्राप्त करता है.

भारत में मतादाता का अधिकार

चुनाव आयोग Voters को एक पहचान पत्र प्रदान करता है. आपको बता दें कि इसे मतदाता पहचान पत्र भी कहा जाता है. कोई भी व्यक्ति केवल तभी मतदान कर सकता है जब उसका नाम चुनावी लिस्ट में शामिल हो. अगर किसी वजह से मतदाता सूची से नाम हटा दिया गया है, तो मतदाता के पास मतदाता पहचान पत्र होने पर भी वोट नहीं डाला जा सकता है. यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य देश का नागरिक बन जाता है तो भी वह भारत में मतदान का अधिकार खो देगा.

भारतीय निर्वाचन आयोग: एक नजर में

भारतीय आयोग भारत में संघ और राज्य चुनाव कराने हेतु एक स्वायत्त संवैधानिक संगठन है. यह भारत में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं के चुनाव एवं देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों का संचालन करता है. भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी.

यह मतदान एवं मतगणना केंद्रों के लिये स्थान, मतदाताओं हेतु मतदान केंद्र तय करना, मतदान एवं मतगणना केंद्रों में सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएँ और अन्य संबद्ध कार्यों का प्रबंधन करता है. यह राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है तथा उनसे संबंधित विवादों को निपटाने के साथ ही उन्हें चुनाव चिह्न भी आवंटित करता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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