लिपुलेख-कालापानी विवाद: Nepal ने भारत से सीमा विवाद के बीच नया मानचित्र स्वीकृत किया

May 25, 2020, 15:29 IST

नेपाल के कैबिनेट ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच एक नया राजनीतिक मानचित्र (नक्‍शा) स्वीकार किया है जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है.

Nepal approves new map including Lipulekh Kalapani and Limpiyadhura amidst border row with India in Hindi
Nepal approves new map including Lipulekh Kalapani and Limpiyadhura amidst border row with India in Hindi

नेपाल ने हाल ही में अपने नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी दे दी है. इस नक्शे में तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर स्थित भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है. नेपाल द्वारा जारी नए नक्शे में नेपाल के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को दिखाया गया है. इन सीमाओं से सटे इलाकों की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया गया है.

नेपाल के कैबिनेट ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच एक नया राजनीतिक मानचित्र (नक्‍शा) स्वीकार किया है जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार गयावली ने इस कदम की घोषणा से हफ्तों पहले कहा था कि कूटनीतिक पहलों के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के प्रयास जारी हैं.

सांसदों ने संसद में विशेष प्रस्ताव रखा

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सांसदों ने कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख को नेपाल की सीमा में लौटाने की मांग करते हुए संसद में विशेष प्रस्ताव भी रखा था. नेपाल के वित्त मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता युवराज खाटीवाड़ा ने 18 मई 2020 को कहा कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने देश के नये राजनीतिक मानचित्र क स्वीकृत किया है.

नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा

लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है. भारत और नेपाल, दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं. भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है, वहीं नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है.

मंत्रीपरिषद ने सर्वसम्मति से नए नक्शे पर मुहर लगाई

नेपाल मंत्रीपरिषद में 17 मई 2020 को ही नए राजनीतिक नक्शे को प्रस्तुत किया गया. पूरे दिन चले मंथन और विदेश मामलों के जानकारों से मंत्रणा के बाद 18 मई 2020 को मंत्रीपरिषद ने सर्वसम्मति से नए नक्शे पर मुहर लगा दी. इसमें लिपुलेख के साथ ही कालापानी को अंतरराष्ट्रीय सीमा तय कर सामरिक महत्व के दोनों ही क्षेत्रों को अपना बताया.

भारत ने नक्शा जारी

भारत ने 02 नवंबर 2019 को नक्शा जारी किया. इसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी भी शामिल रहे. इस पर नेपाल ने ऐतराज जताया और इसे वास्तविक नक्शे के विपरीत बताया.

कालापानी विवाद क्या है?

कालापानी लगभग 35 वर्ग किलोमीटर का इलाका है और पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा है. उधर, नेपाल सरकार का दावा है कि यह इलाका उसके दारचुला जिले में आता है. साल 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध के बाद से इस इलाके पर भारत के आइटीबीपी के जवानों का कब्जा है. भारत-चीन-नेपाल के त्रिकोणीय सीमा पर स्थित कालापानी इलाका सामरिक रूप से अहम है. नेपाल सरकार का दावा है कि साल 1816 में उसके और तत्कालीन ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई सुगौली संधि के अनुसार कालापानी उसका इलाका है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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