नया कोष "एजुकेशन कैननॉट वेट" राष्ट्र विश्व मानवीय शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया जाएगा. इसका उद्देश्य उन हजारों–लाखों बच्चों की मदद करना है जिनकी शिक्षा युद्ध या प्राकृतिक आपदाओँ की वजह से बाधित है.
दो दिवसीय विश्व मानवीय शिखर सम्मेलन 23 से 24 मई 2016 को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित किया जाएगा.
इस कार्यक्रम में दुनिया के 100 से भी ज्यादा अग्रणी देश, कंपनियां और समाजसेवी हिस्सा लेंगे. एजुकेशन कैननॉट वेट को शुरु करने की योजना संयुक्त राष्ट्र के शिक्षा दूत द्वारा 6 मई 2016 को की गयी थी.
एजुकेशन कैननॉट वेट फंड से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• यह कोष दुनिया में अपनी तरह का पहला कोष है और सरकारों एवं व्यापारों से आगामी पांच वर्षों में 3.85 बिलियन डॉलर जुटाने की उम्मीद करता है.
• इसे 30 मिलियन विस्थापित लड़के और लड़कियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. इनमें से 20 मिलियन के पास फिलहाल कोई विकल्प नहीं है और वे स्कूल जाने में सक्षम नहीं हैं.
• 1945 के बाद लकड़े और लड़कियों की यह सबसे बड़ी विस्थापित आबादी है.
• यह कोष पहले मानवीय सहायता एवं विकास सहायता के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करेगा.
• यह कोष युद्ध में खो चुकी एक पीढ़ी को बचाने, बाल विवाह, जबरन मजदूरी और हिंसक अतिवाद के लिए भर्ती करने वालों से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
कोष क्या प्रदान करेगा ?
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के रिकॉर्डों के अनुसार आपातकालीन कोष के मुकाबले शिक्षा सहायता में दो फीसदी कम सहायता मिलती है.
नए कोष से उम्मीद है–
• पांच वर्ष का शैक्षणिक आपातकाल प्रस्तुत करना, यह मान लेना कि अपने देश से पलायन करने वाले शरणार्थी का औसत समय 10 वर्ष से अधिक है.
• निजी क्षेत्र, संघ और स्वयंसेवी विंडो है औऱ मानवीय सहायता में पहला व्यापक शिक्षा सार्वजनिक भागीदारी होगा.
• शिविरों और झोंपड़ियों एवं टेंटों में रहने वाले शरणार्थियों की मदद करने के लिए ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में निर्भीक प्रयोगों समेत शिक्षा प्रदान करने के नए समाधान में स्वयंसेवी कंपनियों को संलग्न करना.
संयुक्त राष्ट्र ने इस बात पर जोर दिया है कि एजुकेशन कैननॉट वेट का अंतिम लक्ष्य भविष्य के लिए मानवीय सहायता को बदलना है.
नए कोष का प्रयोग कहाँ किया जाएगा?
• नया कोष हाल के सीरिया पहल पर बनेगा जिसमें तुर्की, लेबनान और जॉर्डन में एक मिलियन सीरियाई शरणार्थियों को स्कूली शिक्षा प्रदान करने की बात कही गई है.
• इसका इस्तेमाल नेपाल में किया जाएगा जहां 900000 बच्चे भूकंप की वजह से आई आपात स्थिति के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे.
• इसका इस्तेमाल दक्षिण सूडान में किया जाएगा जहां एक तिहाई बच्चों ने स्कूली शिक्षा प्राप्त करने से इनकार कर दिया है और नाइजीरिया में किया जाएगा जहां बोको हरम ने 5000 स्कूलों को बंद करवा दिया है.
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