विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में एक नया इम्यून एस्केप COVID-19 वैरिएंट पाया गया है. यह नया SARS-CoV-2 वैरिएंट कथित तौर पर प्रतिरक्षा से बच सकता है और किसी भी ऐसे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, फिर भले ही उस व्यक्ति ने पहले वायरस को ग्रहण किया हो और उस व्यक्ति में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज हों.
यह COVID-19 के "डबल म्यूटेंट वैरिएंट" के समान है जो 18 राज्यों और भारत के संघ शासित प्रदेशों, प्रमुख रूप से महाराष्ट्र में पाया गया था. महाराष्ट्र से एकत्र किए गए 15-20 प्रतिशत नमूनों में इसका पता चला था.
न्यू इम्यून एस्केप वायरस: आपके लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी!
• कोरोना वायरस का नया वैरिएंट, B.1.618, प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम एक प्रमुख वैरिएंट कहा जा रहा है.
• यह E484K सहित आनुवंशिक वैरिएंट्स के एक अलग सेट की विशेषता है.
• वैज्ञानिकों के अनुसार, B.1.618 का अनुपात पश्चिम बंगाल में काफी बढ़ रहा है.
नए इम्यून एस्केप वैरिएंट को पहली बार कब खोजा गया था?
COVID-19 का यह नया इम्यून एस्केप वैरिएंट पहली बार 22 अप्रैल, 2020 को भारत के बाहर किसी सैंपल में पाया गया था.
COVID-19 का यह नया संस्करण किन देशों में है?
रिपोर्टों के अनुसार, इस वंश/ श्रृंखला के सदस्य अमेरिका, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर जैसे देशों सहित दुनिया के अन्य कई हिस्सों में पाए गए हैं.
भारत में नए इम्यून-एस्केप वैरिएंट के कितने मामले हैं?
भारत में दुनिया में कम से कम 62.5 प्रतिशत B.1.618 वैरिएंट्स हैं. भारत में 130 B.1.618 सैंपल्स में से लगभग 129 पश्चिम बंगाल के सैंपल्स में पाए गए हैं.
प्रतिरक्षा से बचाव के गुण क्या हैं?
CSIR-IGIB के एक शोधकर्ता विनोद स्कारिया के अनुसार, E484K एक प्रमुख इम्यून एस्केप वैरिएंट है जो कई mAbs के साथ-साथ स्वस्थ प्लाज्मा के पैनल्स से बच सकता है.
पृष्ठभूमि
हाल ही के महीनों में, राज्य विधानसभा चुनावों के गवाह रहे पश्चिम बंगाल में COVID-19 मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. आंकड़ों के अनुसार, B.1.618 12 प्रतिशत पर COVID-19 का तीसरा सबसे कॉमन वैरिएंट है जिसे पिछले 60 दिनों में अनुक्रमित किया गया है. इसी तरह, यहां B.1.617 के मामले 28 प्रतिशत हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation