New safety norms for EVs: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में बैट्री सुरक्षा मानकों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रावधानों की सिफारिश की है. इन सिफारिशों को 01 अक्टूबर से लागू कर दिया जायेगा. हाल की इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की बढ़ी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है. मन्त्रालय ने बैट्री सुरक्षा मानकों के लिए पूर्व में एक समिति का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है.
MoRTH has proposed additional
— MORTHINDIA (@MORTHIndia) September 1, 2022
safety requirements in the existing battery safety standards with effect from 1st October 2022, in view of the fire incidents in Electric Vehicles reported in different parts of the country. pic.twitter.com/GN4tiQub62
किस समिति की सिफारिश पर लिया गया फैसला?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों में बैट्री सुरक्षा को लेकर टाटा नरसिंह राव (Director, ARC', Hyderabad) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति को Central Motor Vehicles Rules (CMV) नियमों के तहत मौजूदा बैट्री सुरक्षा मानकों में अतिरिक्त सुरक्षा सुझाव देने के लिए गठित किया गया था. इस समिति में एम. के. जैन (Scientist - G, CFEES, DRDO), डॉ. आरती भट्ट, डॉ. सुब्बा रेड्डी, प्रो. देवेंद्र जलिहाल और प्रो. एल उमानंद जैसे प्रमुख विद्वान शामिल थे.
क्या थी समिति की सिफारिशें?
केंद्रीय मोटर वाहन नियम और AIS-156 के उपनियमों में बदलाव टाटा नरसिंह राव समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है. समिति ने बैट्री सेल,बैट्री पैक का डिजाइन, ऑन-बोर्ड चार्जर, BMS आदि से सम्बंधित सुरक्षा मानकों में सुधार पर जोर दिया है. समिति की सिफारिशों में आंतरिक सेल में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल प्रसार को रोकने संबंधित सुरक्षा गाइडलाइन भी शामिल है.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) 1989 में किया गया बदलाव:
मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम में इसके तहत 25 अगस्त को बदलाव किये थे, ये बदलाव रूल 124 के उपनियम 4 में किये गये थे. साथ ही सरकार ने 29 अगस्त 2022 को, समिति द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर Automotive Industry Standard (AIS)-156 में भी महत्वपूर्ण बदलाव किये है. ये बदलाव दो पहिया और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को ध्यान में रख कर किया गया है. AIS-156 के कुछ उपनियमों को माल ढोने में उपयोग की जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी किया गया है.
सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में हाल की आग की घटनाओं ने ईवीएस सुरक्षा मानकों पर सरकार को चिंतित कर दिया था. भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता कंपनियों ने बिना पर्याप्त गुणवत्ता और सुरक्षा जांच के अपने इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उतार दिया था. जिस कारण सरकार को इस तरह के सुरक्षा मानकों को पेश किया गया. इन नए सुरक्षा मानकों से इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को भी अवगत करा दिया गया है. जिससे भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सकता है.
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