मेघालय के पूर्वी जयन्तिया हिल्स जिले में एक गुफा के भीतर अंधी मछली की एक नई प्रजाति का पता चला है. न्यूजीलैंड की विज्ञान पत्रिका जूटैक्सा में दिसम्बर 2017 में इस खोज का खुलासा किया गया है. पत्रिका में कहा गया है कि स्किस्तुरा लार्केटेंसिस मछली को यह नाम लार्केट गांव में मिला है जहां यह मछली पाई गई.
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मुख्य तथ्य:
• गौहाटी विश्वविद्यालय और नर्दन ईस्टर्न हिल विश्वविद्यालय ने कहा है कि इस प्रजाति की मछलियों ने गुफा के भीतर हमेशा रहने वाले अंधेरे के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो दी. इन मछलियों ने डार्क वाटर्स में रहने के कारण अपनी रंगत भी खो दी है.
• यह गुफा समुद्र की सतह से करीब 880 मीटर ऊपर है और लंबाई में सात किलोमीटर से अधिक है.
• शोधकर्ता के अनुसार, भारत-चीन व दक्षिणपूर्व एशिया में झीलों और नदियों में रहने वाले इस तरह की 200 प्रजातियां हैं लेकिन यह इस तरह की पहली खोज है.
• इस मछली का नाम ‘लार्केट’ गांव के नाम पर रखा गया ताकि स्थानीय लोगों को जैवविविधता संरक्षण के प्रति प्रेरित किया जा सकें.
• मछलियों का नमूना छोटे स्थिर पूल से एकत्र किया गया था जो क्षेत्र में कुछ वर्ग मीटर और गहराई में 1-2 मीटर की दूरी पर है.
• ये पूल गुफा के मुख्य प्रवेश द्वार से लगभग 1600 फीट ऊंचे हैं. पूल बिस्तर ज्यादातर कंकड़ के साथ रेतीले हैं.
• गुफा के अंदर पाए जाने वाली अन्य प्रजातियां कमजोर रूप से क्रोमेटेड केकड़े और क्रेफ़िश, मकड़ियों, कर्कट, तिलचट्टा, मिलीपैड और सांप थे.
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