नोबेल पुरस्कार विजेता सर पीटर मैन्सफील्ड का 8 फरवरी 2017 को निधन हो गया. वे 83 वर्ष के थे.
मैन्सफील्ड को एमआरआई स्कैनर के आविष्कार में मदद के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सर पीटर मैन्सफील्ड के बारे में:
• सर पीटर मैन्सफील्ड का जन्म 9 अक्टूबर 1933 को लंदन में हुआ था.
• मैन्सफील्ड सेंट्रल इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंगम में वर्ष 1964 में भौतिक शास्त्र के लेक्चरर के तौर पर शामिल हुए थे.
• उनको मैगनेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग (एमआरआई) विकसित करने में उनके काम के लिए अमेरिकी रसायन शास्त्री पॉल लाउतरबर के साथ औषधि में वर्ष 2003 का साझा नोबल पुरस्कार दिया गया.
• वर्ष 1978 में मैन्सफील्ड पहले व्यक्ति थे जो एमआरआई स्कैनर के अंदर जा बैठे ताकि एमआरआई का इंसान के शरीर पर परीक्षण किया जा सके.
• उनके काम से सर्जरी के बगैर आंतरिंक अंगों के अंदर बीमारी का पता लगाने के मैदान में क्रांति आ गई.
• मैन्सफील्ड को वर्ष 1993 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने सर की उपाधि से सम्मानित किया था.
एमआरआई के बारे में:
• एमआरआई मैग्नेटिक फील्ड्स तथा रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके शरीर के आंतरिंक अंगों की 3-डी तस्वीरों तैयार करता है. इस तकनीक से ली गई तस्वीरें अब तक इस्तेमाल की जा रही अन्य पद्धतियों से कहीं बेहतर नतीजे देती है.
• एमआरआई तस्वीरें रेडियो तरंगों की मदद से बनाई जाती हैं, जिनकी तरंग लंबाई मीटर की रेंज में होती है. ये तरंगें शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचातीं.
• इससे डॉक्टरों को बिना चीर-फाड़ किए शरीर के अंदर हुई गड़बड़ियों को पकड़ने का मौका मिल जाता है.
• एमआरआई से पूरे शरीर यानी सिर से लेकर पाँव तक की जाँच की जा सकती है.
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