भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में जारी जानकारी के अनुसार नर्मदा नदी में पहली बार ऑक्टोपस देखे गये हैं. यह ऑक्टोपस भारत की नर्मदा नदी के मुहाने (एस्टुराइन ज़ोन) में देखे गए हैं.
वैज्ञानिकों का दावा है कि नर्मदा नदी में देखे गये ऑक्टोपस 190-320 मिलीमीटर तक लंबे हैं. यह ऑक्टोपस 'सिस्टोपस इंडिकस' प्रजाति के हैं जिन्हें सामान्यतया 'ओल्ड वीमेन ऑक्टोपस' के नाम से जाना जाता है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ये मुहाने में संभवत: हाई-टाइड वॉटर के कारण आए हों जिससे यह प्रजाति यहां आ गई.
ऑक्टोपस की खोज के मुख्य बिंदु
• सिस्टोपस इंडिकस के 17 नमूने, जिन्हें आमतौर पर ‘ओल्ड वीमेन ऑक्टोपस’ के रूप में जाना जाता है, की पहचान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CIFRI) वडोदरा, गुजरात के वैज्ञानिकों द्वारा की गई.
• 16 दिसंबर को खंभात की खाड़ी से 35 किलोमीटर दूर भदभुत गांव में मछली पकड़ने के दौरान सीआईएफआरआई के नियमित सर्वेक्षण के दौरान ऑक्टोपस को देखा गया था.
• केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CIFRI) के वैज्ञानिकों ने 04 जनवरी 2019 को अपने निष्कर्ष घोषित किए.
• संस्थान द्वारा जारी जानकारी के अनुसार भारत में 1988 से हमारे द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, ऑक्टोपस मुख्य रूप से झींगा जाल में पकड़े जाते हैं, लेकिन वे खारेपन में कभी नहीं पकड़े गए हैं.
खोजी गई ऑक्टोपस प्रजाति की विशेषताएं
वैज्ञानिकों द्वारा जारी जानकारी के अनुसार 17 नमूने जिनकी लंबाई 190-320 मिमी है, एक मानव हाथ के आकार के जितनी हैं. प्रजातियों की अधिकतम लंबाई 325 मिमी 56.2ग्राम के बराबर है. भारतीय तटरेखा के किनारे बंगाल की खाड़ी से प्राप्त प्रजातियों की जानकारी के अनुसार यहां पाई गई प्रजाति की अधिकतम लम्बाई 600 मिमी है. गौरतलब है कि विश्व में लगभग 200 प्रजातियों के ऑक्टोपस पाए जाते हैं जिनमें भारत में दिखने वाली ऑक्टोपस की प्रजातियों की संख्या 38 है.
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