भारतीय मुद्रा का पहला एक रुपये का नोट 30 नवंबर 1917 को प्रिंट हुआ था. इस प्रकार इस एक रुपये के नोट ने 30 सितंबर 2017 को अपने 100 वर्ष का सफर पूरा किया.
भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के पर दी गयी जानकारी के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया क्योंकि इसकी लागत अधिक थी. इसके बाद इसे वर्ष 1940 में फिर से प्रिंट करना शुरु किया गया जो 1994 तक अनवरत जारी रहा. बाद में इस नोट की छपाई 2015 में फिर शुरु की गई.
एक रुपये के नोट से संबंधित फैक्ट
• 30 नवंबर 1917 को पहली बार प्रिंट किए गये 1 रुपये के नोट पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी.
• वर्ष 1917 से 1927 तक 125 प्रकार के 1 रुपये के नोट प्रिंट किये गये.
• 1 रुपये के इस नोट का डिजाईन पिछले 100 वर्षों में 28 बार परिवर्तित किया गया.
• पहली बार छपकर आये 1 रुपये के नोट पर तीन वित्त सचिवों एम एम एस गब्बे, एसी मैकवाटर्स तथा एच डेनिंग के हस्ताक्षर थे.
• स्वतंत्रता के पश्चात् 1 रुपये के नोट पर जॉर्ज पंचम के स्थान पर अशोक चिन्ह प्रकाशित किया जाने लगा.
• 1947 से अब तक 18 वित्त सचिवों के हस्ताक्षर वाले एक रुपये के नोट जारी किए गए हैं.
• अन्य नोटों की तरह इसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नहीं बल्कि सीधे भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है.
• कानूनी आधार पर 1 रुपये का नोट ही वास्तविक ‘मुद्रा’ नोट (करेंसी नोट) है बाकी सभी नोट धारीय नोट (प्रॉमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है.
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