सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तेल एवं गैस खोज की है. इस खोज से ओएनजीसी द्वारा देश में दो नये बेसिन में काम आरंभ किया गया.
ओएनजीसी ने इससे पहले देश के सात बेसिनों में से छह में वाणिज्यिक उत्पादन कार्य शुरू किया है. अब वह इसमें आठवां बेसिन जोड़ने जा रही है. कंपनी कच्छ अपतटीय क्षेत्र को देश के तेल एवं गैस स्रोत में शामिल करने जा रही है.
खोजे गये तेल एवं गैस भंडार
• ओएनजीसी को मध्य प्रदेश के विंध्य बेसिन ब्लॉक में गैस भंडार मिला है.
• यह खोज 3,000 मीटर से अधिक की गहराई पर हुई है. अभी इसका परीक्षण किया जा रहा है.
• इस खोज के बाद ओएनजीसी ने चार अन्य कुएं खोदे हैं.
• ओएनजीसी वर्ष के अंत तक परीक्षण कर यह पता लगायेगी कि यह खोज वाणिज्यिक दृष्टि से व्यावहारिक है या नहीं.
• इसी प्रकार पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के अशोक नगर में तेल एवं गैस की खोज की गयी है.
पृष्ठभूमि |
भारत में 26 अवसादी बेसिन हैं, इनमे से केवल 7 श्रेणी-एक के बेसिन हैं जिनका उपयोग गैस व तेल के वाणिज्यिक उत्पादन के लिए किया जा सकता है. ओएनजीसी ने असम शेल्फ को छोड़कर अन्य 6 बेसिनों खम्बात, मुंबई, राजस्थान, कृष्णा गोदावरी, कावेरी और असम-अरकान फोल्ड बेल्ट में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया है. सातवें बेसिन को 1985 में शुरू किया गया था. |
भारत के 26 अवसादी बेसिन
श्रेणी-1 बेसिन: खम्बात, मुंबई ऑफशोर, राजस्थान, कृष्णा गोदावरी, कावेरी, असम शेल्फ तथा असम-अरकान फोल्ड बेल्ट.
श्रेणी-2 बेसिन: कच्छ, महानदी-एनसीई (उत्तर-पूर्वी तट), अंडमान-निकोबार, केरल-कोंकण-लक्षद्वीप. यह बेसिनों में हाइड्रोकार्बन के निक्षेप होने के अनुमान है, परन्तु अभी तक यहाँ पर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है.
श्रेणी-3 बेसिन: हिमालयन फोरलैंड बेसिन, गंगा बेसिन, विन्ध्य बेसिन, सौराष्ट्र बेसिन, केरल-कोंकण बेसिन तथा बंगाल बेसिन. इन बेसिनों में हाइड्रोकार्बन के भंडार मौजूद हैं.
श्रेणी-4 बेसिन: करेवा, स्पीती-जास्कर, सतपुड़ा-दक्षिण रीवा-दामोदर, छत्तीसगढ़, नर्मदा, दक्कन-सिनक्लाइज़, भीमा-कलादगी, बस्तर, प्राणहिता गोदावरी तथा कुद्दपा. यह अनिश्चित क्षमता वाले बेसिन हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation