Corona virus के खिलाफ दोहरी सुरक्षा देगी ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन, जानें इसके बारे में सबकुछ

Jul 18, 2020, 15:49 IST

अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पता लगाया है कि मानव पर शुरुआती चरण के परीक्षणों के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ यह टीका दोहरी सुरक्षा उपलब्‍ध करा सकता है.

Oxford University vaccine may offer 'double protection' against COVID 19 IN Hindi
Oxford University vaccine may offer 'double protection' against COVID 19 IN Hindi

कोरोना वायरस (Corona virus) का संक्रमण पूरी दुनिया में लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है. इस महामारी को रोकने के लिए विश्वभर में 140 से ज्‍यादा वैक्‍सीन तैयार की जा रही है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) की मानें तो, कई वैक्‍सीन अब फेज 2 ट्रायल से आगे की ओर बढ चुके हैं.

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि कोविड-19 का टीका विकसित करने में उन्हें सफलता मिल सकती है. दरअसल, अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पता लगाया है कि मानव पर शुरुआती चरण के परीक्षणों के बाद कोरोना वायरस के खिलाफ यह टीका दोहरी सुरक्षा उपलब्‍ध करा सकता है. इसके बाद अनुसंधान के सफल होने की उनकी उम्मीद बढ़ गई है.

दोहरी सुरक्षा उपलब्‍ध कराने में बड़ी खोज

द डेली टेलीग्राफ ने परीक्षण टीम से जुड़े एक सूत्र के हवाले से बताया कि ब्रिटिश स्वयंसेवकों के एक समूह से रक्त के नमूने लिए जाने के बाद उन पर टीके का परीक्षण किया गया. इसमें यह पता चला कि इसने शरीर को एंटीबॉडी और मारने वाला ‘टी-सेल’ दोनों बनाने के लिए प्रेरित किया.

यह खोज बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि अलग-अलग अध्ययनों में यह सामने आया है कि एंटीबॉडी कुछ ही महीनों में खत्म हो सकती है, जबकि ‘टी-सेल’ कई साल तक बने रह सकते हैं. अनुसंधान टीम से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा कि एंटीबॉडी और टी-सेल, दोनों की मौजूदगी कोविड-19 के खिलाफ दोहरी सुरक्षा है.

टीका विकसित किये जाने के कार्य में सहयोग

विश्वविद्यालय के जेनर संस्थान द्वारा टीका विकसित किये जाने के कार्य में ब्रिटिश सरकार और औषधि कंपनी एस्ट्राजेने का सहयोग कर रही है. आपको बता दें कि दुनियाभर में कोरोना से 1.3 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हैं.

कैसे होगा दोहरा बचाव

हाल ही में यह खबरें आई थीं कि यदि कोई कोविड-19 पॉजिटिव हो चुका है तो फिर तीन माह के अंदर सुरक्षात्मक एंटी-बॉडी कमजोर पड़ जाते हैं. ऐसे में लंबे समय तक इम्‍युनिटी देने वाली वैक्‍सीन को तैयार करना बहुत ही मुश्किल है. ‘टी-सेल्‍स’ लंबे समय तक इंसानों के शरीर में रहते हैं और यह उस वायरस को नष्‍ट कर सकते हैं जिसकी वजह से संक्रमण फैलता है. इसके बाद संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है.

वैक्सीन सितंबर तक आने की उम्‍मीद

ऑक्‍सफोर्ड वैक्‍सीन को एक कमजोर एडेनोवायरस के स्‍ट्रेन से तैयार किया जा रहा है. इस वायरस की वजह से सामान्‍य सर्दी जुकाम होता है और इसे कोरोना वायरस के जेनेटिक प्रोटीन के साथ मिलाने पर शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम प्रतिक्रिया देता है. डेली टेललीग्राफ के अनुसार वैक्सीन सितंबर तक मुहैया की जा सकती है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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