भारतीय धारावाहिकों के प्रसारण पर पाकिस्तान में लगाए गए प्रतिबंध को पाकिस्तान की एक अदालत ने ‘अकारण’ बताते हुए हटा दिया. भारतीय धारावाहिकों के प्रसारण पर पाकिस्तान में वहां के मीडिया नियामक की ओर से प्रतिबंध लागू किया गया था.
पाकिस्तान की संघीय सरकार ने लाहौर उच्च न्यायालय को पाकिस्तानी निजी टीवी चैनलों द्वारा भारतीय टेलीविजन कार्यक्रम प्रसारण पर आपत्ति नहीं होने के बारे में बताया था.
इसके बाद अदालत ने भारतीय धारावाहिकों के प्रसारण पर पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) के प्रतिबंध को अमान्य करार दिया. इससे पूर्व पाकिस्तान के टेलीविजन चैनलों पर भारतीय फिल्मों के प्रसारण पर प्रतिबंध को फरवरी में वापस ले लिया गया गया. किन्तु उस समय धारावाहिकों के प्रसारण की अनुमति प्रदान नहीं की गई थी.
इस मामले में पाकिस्तान के नागरिक ने स्थानीय अदालत में याचिका दायर की. याचिकाकर्ता की वकील असमा जहांगीर ने अदालत में दलील दी कि भारतीय धारावाहिकों पर प्रतिबंध अजीब लगता है जबकि भारतीय फिल्में खुलेआम दिखायी जाती है.
आपत्तिजनक होने पर सेंसर-
मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश मंसूर अली शाह ने आदेश दिया कि आपत्तिजनक भारतीय सामग्री या पाकिस्तान विरोधी विषयवस्तु को सेंसर किया जा सकता है लेकिन पूरी तरह प्रतिबंध की आवश्यकता नहीं है. मुख्य न्यायाधीश मंसूर अली शाह के अनुसार ‘दुनिया एक ग्लोबल विलेज (वैश्विक गांव) बन गयी है, अतार्किक प्रतिबंध कब तक लगाये जा सकते हैं’.
उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तल्खी आ गई. इसी के बाद पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा/PEMRA) ने 19 अक्टूबर 2016 को अधिसूचना जारी कर सभी तरह के भारतीय कंटेंट के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation