पनामा ने लम्बे अरसे से चले आ रहे ताइवान के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर लिए. साथ ही पनामा ने चीन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित कर लिए हैं. अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इस पनामा के इस कदम को चीन की जीत के रूप में देखा जा रहा है.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी और उनकी पनामाई समकक्ष इसाबेल सेंट मालो डी एल्वेरेडो ने बीजिंग में समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके साथ ही पनामा विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ करीबी संबंध रखने के लिए ताइवान से संबंध तोड़न वाला हालिया देश बन गया.
पनामा सरकार की ओर से कल जारी बयान के अनुसार पनामा ने ताइवान से संबंध तोड़ लिया है और चीन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित कर लिया है.
पनामा के प्रेसिडेंट जुआन कार्लोस वारेला द्वारा टेलीविजन संदेश के अनुसार पनामा चीन के साथ पूर्ण राजनयिक संपर्क स्थापित करने के साथ अपने व्यवसायिक संबंधों का भी उन्नयन कर रहा है.
प्रेसिडेंट जुआन कार्लोस वारेला ने इस फैसले को पनामा के लिये यह सही रास्ता है बताया. इस बीच ताइवान सरकार ने पनामा की ओर से राजनयिक संबंध विच्छेद किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है.
दोनों देशों ने साझा बयान जारी करते हुए कहा, दोनों देशों की जनता के हितों और इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए पनामा और चीन ने एक दूसरे को पहचान देने और राजदूत स्तर पर राजनयिक संबंध स्थापित करने का फैसला किया है. यह इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर के दिन से ही लागू माना जाएगा.
ताइपे में ताइवान के विदेश मंत्रालय के अनुसार पनामा के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उसका (पनामा का) का चीन के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करना खेदजनक है. ताइवान, चीन के साथ औपचारिक संबंध कायम करने के इस खेल में पनामा के साथ कभी प्रतिस्पर्धा नहीं करेगा.
ताइवान के बारे में-
- चीन स्वशासित द्वीप ताइवान को एक ऐसा प्रांत मानता है, जिसका मुख्यभूभाग से एकीकरण होना अभी बाकी है.
- विश्व के लगभग 20 देश ताइवान को मान्यता देते हैं.
- इसका दर्जा चीनी नेताओं के लिए राजनीतिक तौर पर सबसे संवेदनशील मुद्दा है, चीनी नेता एक चीने के सिद्धांत को अपनाने के लिए दबाव बनाते हैं
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