बिहार उच्च न्यायालय ने 27 अक्टूबर 2016 को राज्य सरकार द्वारा दवाओं में प्रयोग होने वाले स्प्रिट एल्कोहल के प्रयोग पर प्रतिबन्ध के निर्णय को अवैध घोषित किया. उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि बिहार में होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा की कंपनियां पूर्ववत चलती रहेंगी.
बिहार में नीतीश सरकार द्वारा शराबबंदी से पूर्व होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवा कम्पनियों को स्प्रिट सप्लाई की जाती थी. सरकार द्वारा लगाई गयी रोक के बाद इसकी सप्लाई बंद कर दी गयी जिससे राज्य में इन कम्पनियों के बने रहने पर खतरा उत्पन्न हो गया था.
राज्य में 24 से अधिक होमियोपैथी फैक्टरियां बंद हो गयी थीं जिससे सैंकडों लोगों के रोज़गार एवं जीवन पर प्रभाव पड़ा. होम्योपैथिक दवा संघ में पटना उच्च न्यायालय में आवेदन देकर कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी.
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी द्वारा दिए गये निर्णय के अनुसार राज्य में होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं में आवश्यक वस्तुएं उन्हें उपलब्ध कराई जायें ताकि लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन पर प्रभाव न पड़े.
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