सुप्रीम कोर्ट ने 09 जनवरी 2018 को कहा कि सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में संसोधन किया है. इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पूर्व फैसले के तहत सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने संबंधी अंतिम फैसला केंद्र की तरफ से बनाई गई मंत्रियों की कमेटी फैसला लेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के उस हलफनामे को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय सम्मान के प्रतीकों के अपमान की रोकथाम अधिनियम में बदलाव का सुझाव देने के लिए 12 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. यह कमिटी 6 महीने में रिपोर्ट देगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति को सभी आयामों पर व्यापक रूप से विचार करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने से दिव्यांगों को छूट मिलती रहेगी.
यह भी पढ़ें: उच्चतम न्यायालय ने बिहार को रणजी ट्रॉफी में खेलने की मंजूरी दी
प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने नवंबर 2016 में दिए अपने ही आदेश में बदलाव करते हुए यह आदेश दिया. राष्ट्रगान राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक देशभक्ति से जुड़ा है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ध्यान रखा जाए कि किसी भी व्यावसायिक हित में राष्ट्रगान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके अलावा राष्ट्रगान को वैरायटी सॉन्ग के तौर पर भी नहीं गाया जाएगा.
पृष्ठभूमि:
सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2016 को राष्ट्रगान, अर्थात् 'जन गण मन' से जुड़े एक अहम अंतरिम आदेश में कहा था कि देशभर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजेगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रगान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा, तथा सिनेमाघर में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया था कि केन्द्र सरकार यह तय करे कि कहां राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो. भारत में वर्ष 1960 के दशक में सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाने की शुरुआत हुई. ऐसा सैनिकों के सम्मान और लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने के लिए किया जाता था. बाद में शिकायतें आयीं कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान का अपमान होता है इसके बाद करीब 40 साल पहले सरकार ने इसे बंद करवा दिया. महाराष्ट्र सरकार ने 2003 में इसके लिए नियम बनाया. जिसके तहत सिनेमा हॉल में मूवी से पहले राष्ट्रगान बजाना और इस दौरान लोगों का खड़े रहना आवश्यक किया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation