BIMSTEC Summit 2022: प्रधानमंत्री मोदी ने 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की
BIMSTEC Summit 2022: प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक समिट में संबोधित करते हुए कहा कि बिम्सटेक सेंटर फॉर वेदर को सक्रिय केंद्र बनाने हेतु भारत 30 लाख डॉलर खर्च करने को तैयार है.

BIMSTEC Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2022 को बिम्स्टेक देशों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि एवं सुरक्षा का सेतु बनाने का समय है. प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक समिट में संबोधित करते हुए कहा कि बिम्सटेक सेंटर फॉर वेदर को सक्रिय केंद्र बनाने हेतु भारत 30 लाख डॉलर खर्च करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि इसके लिए सबका सहयोग ज़रूरी है.
पीएम मोदी ने 5वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवालिया निशान लगा दिया है.
Speaking at the BIMSTEC Summit. https://t.co/6ffhno70HR
— Narendra Modi (@narendramodi) March 30, 2022
वित्तीय सहायता का घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान वित्तीय सहायता देने का भी घोषणा किया. पीएम मोदी ने कहा कि ये महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के परिचालन बजट को बढ़ाने हेतु 1 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा.
बिम्स्टेक सम्मेलन का आयोजन
बताते चलें कि इस बार के बिम्स्टेक सम्मेलन को श्रीलंका आयोजित कर रहा है. बिम्स्टेक में भारत के अतिरिक्त श्रीलंका, थाईलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और भूटान देश शामिल हैं. इस बार श्रीलंका अध्यक्ष के रूप में बिम्सटेक समिट की मेजबानी कर रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि बिम्स्टेक देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ाने हेतु बिम्स्टेक एफटीए प्रस्ताव पर आगे बढ़ना जरूरी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है उन्होंने कहा कि इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे.
• प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्ष ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है. उन्होंने कहा कि हम अभी भी कोरोना के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं.
• उन्होंने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने हेतु बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है. हमें अपने देशों के उद्यमियों एवं स्टार्टअपके बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए.
• उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप के डेवलपमेंट से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है.
• प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा के लिए एक पुल बनाने का वक्त आ गया है. उन्होंने कहा कि मैं सभी बिम्सटेक देशों का आह्वान करता हूं कि वे साल 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें.
बिम्सटेक (BIMSTEC) क्या है?
पहले बता दें कि इसका पूरा नाम क्या है. बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी से सटे हुए एवं समीपवर्ती देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है. इसके सात सदस्यों में से पांच दक्षिण एशिया से हैं. इनमें भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका हैं, जबकि म्यांमार तथा थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं.
संगठन का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास के लिए माहौल तैयार करना, सामाजिक एवं अब स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में प्रगति में लाना एवं क्षेत्र में सामान्य हित के मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है. इसमें सात सदस्य देश- भारत, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड हैं. इस समय श्रीलंका बिम्सटेक का अध्यक्ष है.
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