केंद्र सरकार ने रोहतांग टनल का नाम ‘अटल टनल’ रखा, जानें इसके बारे में

Dec 26, 2019, 10:36 IST

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सुरंग 8.8 किलोमीटर लंबी है. यह 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है. इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी. सुरंग का निर्माण जल्‍दी ही पूरा होने वाला है.

PM Modi renames Rohtang Tunnel as Atal Tunnel in hindi
PM Modi renames Rohtang Tunnel as Atal Tunnel in hindi

केंद्र सरकार ने हाल ही में रोहतांग दर्रे का नाम बदलकर 'अटल सुरंग' कर दिया है. यह टनल (सुरंग) लेह और मनाली क्षेत्रों को जोड़ती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर 25 दिसंबर 2019 को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण 'अटल टनल' के रूप में करने की घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग अब अटल सुरंग के रूप में जानी जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सुरंग के नामकरण की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा किया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि होगी.

निर्माण पर खर्च

इसके निर्माण पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. शुरुआती चरण में सुरंग की निर्माण लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई थी. सुरंग के ठीक ऊपर स्थित सेरी नदी के पानी के रिसाव के कारण सुरंग के निर्माण में लगभग पांच साल की देरी हुई.

अटल सुरंग से होने वाले फायदे

इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) कर रही है और निर्माण कार्य साल 2020 तक पूरा हो जायेगा. सुरंग पूरी होने पर सभी मौसम में लाहौल और स्पीति घाटी के सुदूर के क्षेत्रों में सम्पर्क सुगम होगा. इससे मनाली और लेह की दूरी भी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सुरंग 8.8 किलोमीटर लंबी है. यह करीब 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी विश्व की सबसे लंबी सुरंग है. सुरंग का निर्माण जल्‍दी ही पूरा होने वाला है. इससे पहले ठंड के मौसम में इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्‍य भागों से छह महीने तक पूरी तरह खत्‍म हो जाता था.

यह भी पढ़ें:दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को दी मंजूरी, प्रदूषण पर लगेगा लगाम

पृष्ठभूमि

रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला 03 जून 2000 को लिया गया था. यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान तय किया गया था. सुरंग के दक्षिणी भाग को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में रोहतांग टनल का शिलान्यास किया था.

सुरंग के दोनों छोर पर सड़क निर्माण 15 अक्टूबर 2017 को पूरा हुआ था. हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में 20 अगस्त 2018 को इस टनल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया गया था तथा बाद में इसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए पारित किया गया था.

यह भी पढ़ें:आठ पश्चिम अफ्रीकी देशों ने साझा मुद्रा का नाम बदला, जानें क्या रखा करेंसी का नाम

यह भी पढ़ें:शिवसेना संस्थापक Bal Thackeray के नाम पर होगा मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे का नाम

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News