प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वियतनामी समकक्ष गुयेन जुआन फुक के साथ 12 नवंबर 2020 को 17वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (17th ASEAN-India Summit) की सह-अध्यक्षता करेंगे. सभी दस आसियान सदस्य राज्यों के नेता उस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा.
सभी देश सम्मेलन में एक दूसरे के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को लेकर मंथन करेंगे. इस दौरान कनेक्टिविटी, व्यापार व वाणिज्य, शिक्षा, समुद्री सहयोग, शिक्षा और क्षमता निर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा होगी. इसके अतिरिक्त सम्मेलन में कोविड-19 से संबंधित विषयों पर भी चर्चा होने की संभावना है.
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2020
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन भारत और आसियान दोनों को उच्चतम स्तर पर साथ लाने के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है.
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन 2020 आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और कनेक्टिविटी, समुद्री सहयोग, व्यापार और वाणिज्य, शिक्षा और क्षमता निर्माण सहित प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायजा लेगा.
भारतीय और आसियान नेता आसियान-भारत की भागीदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे और वे आसियान-भारत योजना (2021-2025) को अपनाने की घोषणा करेंगे.
महत्व
भारत की अधिनियम पूर्व नीति, जो प्रमुख रूप से आसियान देशों के आसपास है, यह भारत द्वारा आसियान के साथ जुड़ने के महत्व को दर्शाता है.
आसियान क्या है?
एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक संगठन है. इसके दस सदस्य देश ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम हैं. हर दो साल में आसियान देशों का सम्मेलन होता है. इसमें सभी देशों के आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक विषयों पर चर्चा की जाती है. इस बार सम्मेलन का आयोजन 12 से 15 नवंबर के बीच वर्चुअल तरीके से हो रहा है.
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