प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 नवम्बर 2016 को पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि जैव विविधता सम्मेलन का उद्घाटन किया. भारत जैव-कृषि विविधता का भंडार है.
भारत कृषि जैव विविधता के मामले में बहुत ही समृद्ध है.
पहले अंतरराष्ट्रीय कृषि जैव विविधता सम्मेलन के लिए भारत उपयुक्त स्थल है क्योंकि विश्व में यह सर्वाधिक विविधता वाले देशों में से एक है.
विश्व के भू रकबे का यहां मात्र 2.4 प्रतिशत भाग है. इसके बावजूद भी यहां सभी ज्ञात प्रजातियों का 7 से 8 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है जिसमें पौधों की 45,000 प्रजातियां तथा जीवों की 91,000 प्रजातियां मौजूद हैं.
हालांकि इस सम्मेलन में 60 देशों के 900 प्रतिनिधि जीन संसाधनों के संरक्षण पर विचार विमर्श करेंगे. 6 नवम्बर से 9 नवम्बर 2016 तक चलने वाले इस सम्मेलन को इंडियन सोसायटी ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज एंड बायोडायवर्सिटी इंटरनेशनल द्वारा आयोजित किया जा रहा है.
यह सीजीआईएआर का शोध केंद्र है तथा जिसका मुख्यालय इटली के रोम में है.
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