Saryu Canal Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 9,802 करोड़ रुपये की सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना (Saryu Canal National Project) का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने सबसे पहले राज्यपाल व सीएम के साथ सरयू नहर परियोजना से संबंधित मॉडल का निरीक्षण किया. उसके बाद बटन दबाकर देश की सबसे बड़ी सिंचाई परियेाजना का शुभारंभ किया.
बताया जा रहा है कि, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के फलस्वरूप 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई हो सकेगी. इस परियोजना से बहराइच से गोरखपुर को जोड़ने वाले नौ जिलों को फायदा होगा. इससे लगभग साढ़े 14 लाख हेक्टेयर की सिंचाई की जा सकेगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 40 साल से रुकी इस परियोजना को पिछले लगभग 5 साल में पूरा कराया गया है.
इस परियोजना की शुरुआत
प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि इस परियोजना पर काम की शुरुआत 1978 में हुई थी लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने ‘‘इस पर अधिक ध्यान नहीं’’ दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह परियोजना अब पूरी हुई है.
सरयू नहर परियोजना की क्या है खासियत?
• सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना छह हजार 623 किलोमीटर लंबी है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना यूपी के नौ जिलों की पांच नदियों को जोड़ती है. इसमें घाघरा से सरयू व सरयू से राप्ती को जोड़ा गया है. इसके साथ ही राप्ती को बाणगंगा तथा बाण गंगा से रोहिन नदी जोड़ी गई है.
• नदियों को आपस में जोड़ने से बाढ़ जैसी विभीषिका से भी लोगों को बचाया जा सकेगा. इसके साथ ही सिंचाई के लिए नहर में पानी छोड़ा जा सकेगा. सरयू नहर में घाघरा, राप्ती, सरयू, बाण गंगा और रोहिणी जैसी पांच नदियों को आपस में जोड़कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
• सरयू नहर परियोजना के निर्माण से कई लाभ होंगे. एक तरफ जहां किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की त्रासदी भी कम होगी. नदियों के पानी का डायवर्जन नहरों में होने से बाढ़ का असर कम होगा.
• इस परियोजना से 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ होगा. इतना ही नहीं, इससे पूर्वी यूपी के 9 जिलों-बहरीच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज को फायदा होगा.
• प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना 9800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है. इसमें से 4600 करोड़ रुपये पिछले 4 वर्षों में प्रावधान किए गए थे.
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