राष्टप्रति प्रणब मुखर्जी ने 7 अप्रैल, 2017 को नई दिल्ली में पहले निमकेयर (एनआईएमसीएआरई) विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन 2017 का उद्घाटन किया. विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर निमकेयर ने सम्मेलन के आयोजन हेतु अग्रणी भूमिका निभाई.
प्रमुख तथ्य-
- प्रथम निमकेयर विश्व स्वास्थ्य दिवस सम्मेलन का मूल-वाक्य (विषय) ‘मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक हों’ है.
- मानसिक स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में पूरे विश्व में विकलांगता पैदा होती है.
- मानसिक स्वास्थ्य विकारों में संभवत: अवसाद बहुत आम है.
- अवसाद में किसी भी देश के हर उम्र के लोग पीडि़त हो सकते हैं.
- मनुष्य की परवरिश में किसी भी प्रकार का मानसिक विकार होने के कारण कमी आ जाती है तथा कार्यस्थलों में या परिवार में परिस्थितियां प्रभावित होती हैं.
निमहांस सर्वे-
- वर्ष 2015-16 निमहांस (एनआईएमएचएएनएस) द्वारा किये गये राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार भारत की 5.2 प्रतिशत वयस्क आबादी किसी न किसी प्रकार के अवसाद से ग्रस्त है.
- मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनलों की भारी कमी है.
अवसाद के कारण -
- अवसाद की समस्याओं पर प्राय: ध्यान नहीं दिया जाता.
- परिवार के सदस्य इसे ठीक से समझ नहीं पाते.
- मानसिक विकार के साथ सामाजिक कलंक भी जुड़ जाता है, चाहे उसका आसान उपचार क्यों न उपलब्ध हो.
समाधान-
- आम लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक करना.
- पारम्परिक मूल्यों वाली हमारी पारिवारिक प्रणाली मानसिक स्वास्थ्य विकारों को दूर करने में बहुत कारगर है.
- चिकित्सक समुदाय सामाजिक सहायता प्रणालियों, आध्यात्मिक विश्वासों और अभ्यासों पर ध्यान दे.
- इनके साथ लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने हेतु योग प्रणाली का प्रयोग.
- स्वास्थ्य सुविधा आपूर्ति प्रणालियों को और मजबूत बनाया जाये.
मानसिक स्वास्थ्य सलाहकारों की आवश्यकताओं के मद्देनज़र ग्रामीण और शहरी आबादी के लिए ई-केप एंड एसओएल टेली-साईकियेट्री एप्लिकेशन की शुरूआत करके विश्व स्वास्थ्य दिवस सम्मेलन ने सही दिशा में काम उठाया है.
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