राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 17 अप्रैल 2017 को सेवाओं पर तीसरी वैश्विक प्रदर्शनी का राष्ट्रपति भवन में उद्घाटन किया. इसमें विभिन्न सेवा क्षेत्रों में भारत की निर्यात उजागर होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया.
यह प्रदर्शनी ऐसे समय शुरू हो रही है जब कि सेवा निर्यात पर देश का ध्यान बढ़ा है और भारत विश्व व्यापार संगठन में सेवा व्यापार के सुगमीकरण के बारे में एक समझौते की पुरजोर वकालत कर रहा है.
भारत का सेवा निर्यात वर्ष 2005 में 52 अरब डालर था जो की वर्ष 2015 में बढक़र 155 अरब डालर हो गया. भारत की वैश्विक सेवा निर्यात में हिस्सेदारी 3.3 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 11 महीनों में सेवा निर्यात तीन प्रतिशत बढक़र 146.5 अरब डालर रहा.
उद्योग मंडल सीआईआई के मुताबिक चार दिवसीय इस प्रदर्शनी के बाकी कार्यक्रम 17 अप्रैल 2017 से 20 अप्रैल 2017 तक ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो मार्ट में हो रहा है. इसमें कुल 70 देश भाग ले रहे हैं.
प्रदर्शनी में सूचना प्रौद्योगिकी, लाजिस्टिक,पर्यटन और होटल, शिक्षा तथा वित्तीय सेवा समेत 20 सेवा क्षेत्रों के क्षेत्र में भारत की क्षमता को दर्शाया जाएगा.
प्रदर्शनी का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ एवं सेवा निर्यात संवद्र्धन परिषद के साथ मिलकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय कर रहा है.
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वित्तीय समावेशन हेतु जनधन योजना, कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था से देश में सेवाओं का एक नया आयाम सामने आया है.
इससे बैंकिंग और वित्त, साइबर सुरक्षा तथा ई-कामर्स जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन मिल रहा है. मुखर्जी ने कहा कि हमारे सेवा क्षेत्र ने वैश्विक कंपनियां को मदद की है. यह प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मददगार है और विश्व में रोजगार में सहयोग दे रहा है.
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