राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पॉलियो निरोधक दवा पिलाकर वर्ष 2018 के लिए ‘पल्स पोलियो कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया.
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. यह कार्यक्रम राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस की पूर्व संध्या पर दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की.
पल्स पोलियो कार्यक्रम 2018 के तहत देश भर में पांच साल से कम उम्र के लगभग 17 करोड़ बच्चों को पल्स पोलियो खुराक पिलाई जाएगी.
पल्स पोलियो कार्यक्रम से संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह अभियान देश से पोलियो को समाप्त करने के बाद इसे फिर से न फैलने देने की कोशिश के अंतर्गत चलाया जा रहा है.
• सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम में बच्चों को ज्यादा से ज्यादा बीमारियों से बचाने पर बल दिया जाता है और उसके तहत तीन नये टीके शुरु किये गये हैं.
• केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों से बच्चों में बीमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है.
पल्स पोलियो कार्यक्रम:
• पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यूएचओ) वैश्विक पोलियो उन्मू्लन प्रयास के परिणाम स्वयरूप 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण (पीपीआई) कार्यक्रम आरंभ किया.
• इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोलियो समाप्तम होने तक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (ओपीवी) की दो खुराकें दी जाती हैं.
• यह अभियान सफल सिद्ध हुआ है और भारत में पोलियो माइलिटिस की दर में काफी कमी आई है. पीपीआई की शुरुआत ओपीवी के तहत शत प्रतिशत कवरेज प्राप्तक करने के उद्देश्यै से की गई थी.
• इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्यश उन बच्चोंत तक पहुंचना है जहां पोलियो वायरस लगभग गायब हो चुका है और जनता के बीच उच्च मनोबल को बनाए रखना है.
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