Price Cap on Domestic Flights Removed: दो वर्षों से अधिक समय के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 31 अगस्त से घरेलू हवाई किराए की कीमतों पर लगी सीमा (प्राइस कैप) को हटा दिया है. इस फैसले का सीधा प्रभाव हवाई यात्रियों की जेब पर पड़ने वाला है. इस फैसले से देश की एयरलाइनों को अपना किराया निर्धारित करने की आजादी होगी. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू टिकट की कीमतों में ऊपरी और निचली सीमाएं लायी थीं.
लगभग 27 महीने की अवधि के बाद, घरेलू हवाई किराए पर लगाई गई सीमा 31 अगस्त से हटा दी जाएगी, केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में (10 अगस्त 2022) को इस बारे में प्रेस नोट जारी किया था.
The decision to remove air fare caps has been taken after careful analysis of daily demand and prices of air turbine fuel. Stabilisation has set in & we are certain that the sector is poised for growth in domestic traffic in the near future. https://t.co/qxinNNxYyu
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 10, 2022
क्या घरेलू हवाई किराए में कमी आएगी?
घरेलू हवाई किराए की कीमतों पर लगी सीमा (प्राइस कैप) के हटने से एयरलाइन यात्रियों के लिए जो भी किराया उचित समझें, चार्ज कर सकती हैं. एयरलाइंस अधिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए उड़ान टिकट की कीमतों में छूट की पेशकश कर सकती है. पहले, सरकार द्वारा लगाए गए घरेलू हवाई किराए पर कम और ऊपरी मूल्य सीमा के कारण एयरलाइंस छूट की पेशकश नहीं कर सकती थी.
किस प्रकार का था प्राइस कैप?
प्राइस कैप (हवाई किराए की कीमतों पर लगी सीमा) अवधि के दौरान, भारतीय एयरलाइंस को 40 मिनट से कम की घरेलू उड़ानों के लिए 2,900 रुपये (GST को छोड़कर) से कम और 8,800 रुपये (GST को छोड़कर) से अधिक शुल्क लेने की अनुमति नहीं थी.
उड्डयन मंत्रालय ने क्यों लगाया था प्राइस कैप?
देशव्यापी Covid-19 लॉकडाउन के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मई 2020 में घरेलू हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी. जबकि सरकार ने अक्टूबर 2021 में 100 प्रतिशत क्षमता परिनियोजन की अनुमति दी थी, यह मूल्य निर्धारण विनियमन के साथ जारी रहा. यात्रियों को उच्च किराए से बचाने के लिए ऊपरी कैप्स और आर्थिक रूप से कमजोर एयरलाइनों की मदद के लिए निचले कैप लगाये थे.
क्या घरेलू हवाई किराया बढ़ सकता है?
इस फैसले से एयरलाइंस अपनी कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगी. हालांकि, अधिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए एयरलाइंस फ्लाइट टिकट की कीमतें कम कर सकती है. रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) की कीमतों में गिरावट आई है. जो यात्रियों के लिए अच्छे संकेत है. प्रतिमाह पहले और सोलहवें दिन ATF की कीमतें पिछले दो हफ्तों के अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों के बेंचमार्क के अनुसार बदली जाती हैं.
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