रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कुछ ही समय के अंतराल पर बार-बार हो रही रेल दुर्घटनाओं के कारण भारतीय रेल विभाग आलोचना का केन्द्र बना हुआ है. इसी के बाद बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल ने इस्तीफा दिया.
एके मित्तल को केंद्र सरकार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन पद पर दो साल का एक्सटेंशन प्रदान किया था. सेवा विस्तार की अवधि के बाद ए के मित्तल को 31 जुलाई 2018 तक इस पद पर बने रहना था. मित्तल ने अपना इस्तीफा रेल मंत्री को सौंप दिया.
एके मित्तल पिछले कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू से बीमार होने के कारण छुट्टी पर थे. इसके बावजूद वह 23 अगस्त 2017 को रेल भवन पहुंचे और जरूरी फाइलें निपटाने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में 23 अगस्त 2017 की देर रात कैफियत एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. यह ट्रेन आजमगढ़ से दिल्ली आ रही थी. इस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से कम से कम 74 लोग घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश में पिछले पांच दिनों के अंदर यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है. इससे पहले उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस ट्रेन दुर्घटना में भी 24 लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में लाग घायल हुए. इस हादसे में रेल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई.
अधिकारियों पर कार्रवाई-
हादसों के बाद सुरेश प्रभु ने उत्कल ट्रेन एक्सिडेंट पर जिम्मेदारी तय करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के जीएम आरएन कुलश्रेष्ठ और दिल्ली रीजन के डीआरएम आर.एन. सिंह को छुट्टी पर भेज दिया.
कुछ अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. जिनमें पी-वे डिपार्टमेंट के जेई, एसएसई, सेक्शन के एईएन और दिल्ली के सीनियर डीईएन सम्मिलित थे. साथ ही चीफ ट्रैक इंजिनियर का भी तबादला कर दिया गया.
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