केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 21 फरवरी 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर बुनियादी सुविधा परियोजनाओं, यात्री सुविधाओं और अन्य सुविधाओं से संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया.
आधिकारिक रिलीज के अनुसार, 1000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 88 रेलवे परियोजनाएं आज राष्ट्र को समर्पित की गई, जिससे भारतीय रेलवे भविष्य के लिए तैयार हो सके. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.
भारतीय विरासत को संजोने में मदद
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने केरल में रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य में सम्पर्क में सुधार करना महत्वपूर्ण है जिससे भारतीय विरासत को संजोने में मदद मिलेगी और केरल राज्य में विभिन्न सुविधाओं का उपयोग करते हुए रेल यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी.
उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में और अधिक आर्थिक गतिविधियों को बढावा देने के लिये केरल राज्य के माध्यम से रेलवे नेटवर्क में बड़ा बदलाव कर रहे हैं. केरल के लिए आवंटित किया जा रहा बजट साल दर साल, लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम आने वाले दिनों और महीनों में केरल में एक बेहतरीन रेलवे नेटवर्क प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
केरल में रेलवे के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
केरल में तीन स्थानों, कोल्लम, कुंदारा और कोचुवेली में कुल 9.56 करोड़ रुपये की लागत से फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है. इन फुट ओवर ब्रिज से यात्रियों के आवागमन में तेज़ी आएगी और इन महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भीड़ को कम करने में आसानी होगी.
रेलवे प्लेटफॉर्मों और समागम क्षेत्रों में, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बीमार और दिव्यांग यात्रियों के लिए प्लेटफ़ॉर्म और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों तक पहुंचने में आसानी होगी. कान्हांगड़ और अलुवा में 1.60 करोड़ रुपए की कुल लागत से स्व-चालित लिफ्ट लगाई गई हैं.
मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाएं
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यप्रदेश में रेल परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि इस वर्ष हाल ही में माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में 7700 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश में विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं.
केंद्र सरकार, राज्य सरकार और भारतीय रेलवे तीन इंजन के रूप में राज्य की सेवा कर रहे हैं. रीवा में एक बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र आ रहा है. भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक पूरी तरह से भारतीय रेलवे का विद्युतीकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारतीय रेलवे 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के साथ अपने पूरे नेटवर्क को चलाने में सक्षम होगा और इस दिशा में काम करने वाला यह दुनिया का पहला सबसे बड़ा रेलवे होगा. यात्रियों को आसानी से सुविधाएँ देने के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण भी यही है.
दिव्यांग, वृद्ध और बीमार यात्री को सुविधा प्रदान करने के लिए ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1,2/3 और 4 पर 92 लाख रुपए की लागत से तीन लिफ्ट लगाई गई हैं. इसके अलावा, ग्वालियर स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए, रेल विकास निगम लिमिटेड ने पुनर्विकास कार्य किया है.
इस पुनर्विकास के तहत, ग्वालियर स्टेशन को यात्रियों के लिए बेहतर यात्रा अनुभव देने के लिए विश्व स्तरीय परिवहन केंद्र में परिवर्तित किया जा रहा है. यह पुनर्विकास पर्यटन को बढ़ावा देगा, रोजगार पैदा करेगा और सामाजिक-आर्थिक विकास में वृद्धि करेगा.
रतलाम-चित्तौड़गढ़ रेल खंड का विद्युतीकरण
वर्तमान में, इस 189.46 किलोमीटर लम्बे रेल खंड में डीजल इंजन द्वारा रेलगाड़ियाँ चलाई जा रही हैं, जिन्हें रतलाम से बिजली के इंजन को बदलने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता होती है.
इस खंड के विद्युतीकरण के बाद, रेलगाड़ियाँ को बिजली के इंजन द्वारा चलाया जाएगा जो इंजन को बदलने में अतिरिक्त समय को समाप्त कर देगा और रेलगाड़ियाँ बिना बाधा के उच्च गति से चलेंगी और यात्री और माल गाड़ियाँ कम समय के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचेंगी.
रतलाम-चित्तौड़गढ़ खंड के विद्युतीकरण से डीजल की बचत होगी और हरित ऊर्जा में योगदान होगा. इस खंड के डीजल से विद्युत ट्रैक में रूपांतरण से प्रति वर्ष 27.54 करोड़ रुपये की बचत होगी. यह विद्युतीकरण 205.44 करोड़ रुपये की लागत के साथ किया गया है.
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