भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 अक्टूबर, 2020 को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों सहित सभी ऋण देने वाली संस्थाओं को 2 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए सभी ब्याज योजनाओं पर ब्याज माफी को लागू करने के लिए निर्देश दिया है.
RBI ने सभी बैंकों को 1 मार्च, 2020 से शुरू होने वाली छह महीने की स्थगन अवधि के लिए ब्याज की छूट को लागू करने के लिए कहा है. केंद्र ने 23 अक्टूबर को उधारकर्ताओं को निर्दिष्ट ऋण खातों में छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर का भूतपूर्व भुगतान करने की योजना की घोषणा की थी.
इस योजना के तहत, ऋण देने वाली सभी संस्थाओं के लिए 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 के बीच की अवधि के लिए साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज के बीच अंतर का क्रेडिट देते हुए, उधारकर्ताओं की कुछ श्रेणियों के लिए भूतपूर्व भुगतान का भुगतान करना अनिवार्य किया गया है.
केंद्र ने ऋण देने वाले संस्थानों को उधारकर्ताओं के खातों में यह राशि जमा करने की कवायद को पूरा करने के लिए 5 नवंबर तक का समय दिया था.
RBI की अधिसूचना
रिज़र्व बैंक ने अपनी अधिसूचना में सभी ऋण देने वाले संस्थानों को योजना के प्रावधानों द्वारा निर्देश लेने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवश्यक कार्यवाही करने की सलाह दी है.
केंद्र की ब्याज माफी योजना
- केंद्र की ब्याज माफी योजना के तहत, उधार/ ऋण देने वाली संस्थाएं निर्धारित अवधि के लिए अपने संबंधित खातों में पात्र उधारकर्ताओं को चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के लिए क्रेडिट प्रदान करेंगी.
- यह अंतर इस बात पर ध्यान दिए बिना होगा कि, 27 मार्च, 2020 को RBI द्वारा घोषित ऋण के पुनर्भुगतान पर उधारकर्ता ने पूरी तरह या आंशिक रूप से रोक लगाई है या नहीं.
- यह योजना शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, MSME ऋण, आवास ऋण, ऑटो ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण और उपभोग ऋण को कवर करेगी.
- ऋण देने वाली सभी संस्थाएं राशि जमा करने के बाद केंद्र से प्रतिपूर्ति का दावा कर सकती हैं.
पृष्ठभूमि
रिज़र्व बैंक ने कोविड -19 महामारी के मद्देनजर सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों में व्यवधान के कारण, व्यवसायों और व्यक्तियों को वित्तीय समस्याओं को दूर करने में मदद करने के उद्देश्य से 01 मार्च, 2020 से शुरू होने वाले छह महीनों के लिए ऋण के पुनर्भुगतान पर रोक लगाने की घोषणा की थी.
उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह RBI की स्थगन योजना के तहत 2 करोड़ रुपये तक के ऋणों पर ब्याज माफी योजना को जल्द से जल्द लागू करे, क्योंकि आम आदमी की दीवाली की खुशियां काफी हद तक सरकार की विभिन्न नीतियों पर निर्भर रह सकती हैं.
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