रिलायंस जियो ने 29 जून 2017 को एशिया-अफ्रीका-यूरोप (एएई-1) के लिए सबमरीन (समुद्र के नीचे) केबल तार प्रणाली लॉन्च की. यह दावा किया जा रहा है कि यह विश्व की सबसे लंबी सबमरीन प्रणाली है जो 100 जीबीपीएस तकनीक पर आधारित है.
यह केबल तार हांगकांग और फ्रांस तक 25000 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इसके एशिया और यूरोप में 21 केबल लैंडिंग बनाये गये हैं.
यह केबल साउथ इस्ट एशिया और यूरोप को मिस्र के रास्ते से जोड़ता है. यह पिछले 15 वर्षों में अब तक का सबसे लंबा सबमरीन केबल है. जियो का कहना है कि इससे उपयोगकर्ताओं को तेज इन्टरनेट और बेहतर क्वालिटी की स्ट्रीमिंग सुविधा मिल सकेगी.
सौ जीबीपीएस वाली यह टेक्नोलॉजी ग्लोबल कंटेंट हब और इंटरकनेक्शन प्वाइंट्स से सीधे कनेक्ट होगी. इसके जरिए जियो अपने उपयोगकर्ताओं को हाई-स्पीड इंटरनेट और डिजिटल सर्विस का बेहतर अनुभव देगा.
मुख्य बिंदु
• एएई-1 से भारत तथा अन्य क्षेत्रों में विडियो डाटा की सुविधा प्रदान की जा सकेगी.
• एएई-1 कई महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरेगा और भारत समेत कई देशों को कम्युनिकेशन व डाटा संबंधी बैंडविड्थ सपोर्ट देगा.
• ग्लोबल मार्केट में डायरेक्ट एक्सेस के लिए एएई-1 बाकी दूसरे केबल सिस्टम और फाइबर नेटवर्क से लिंक होगा.
• बड़े पैमाने के इस प्रोजेक्ट में यूरोप, मिडिल ईस्ट और एशिया के बड़े टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की मदद ली जाएगी.
• इसका नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर (एनओसी) नवी मुंबई में स्थित होगा.
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