हिंदी सिर्फ भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और एकता की पहचान भी है। भारत में इस भाषा को राजभाषा का दर्ज भी मिला हुआ है, जिसे 14 सितंबर, 1949 में भारतीय संविधान द्वारा अपनाया गया था। आप भी प्रतिदिन हिंदी पढ़ते और लिखते भी होंगे। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि हिंदी का सबसे बड़ा शब्द कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या है हिंदी का आधुनिक इतिहास
हिंदी का प्रारंभिक इतिहास 1000 ईस्वी से लेकर 1500 ईस्वी तक है। वहीं, अपभ्रंश से खड़ी बोली का उदय हुआ। इसे कई विद्वानों ने हिंदी का प्रारंभिक रूप माना है। आदिकाल में देखें, तो अमीर खुसरो ने 13वीं सदी में अपनी रचनाओं में खड़ी बोली का प्रयोग किया। वहीं, भारतेंदु हरिश्चंद्र ने खड़ी बोली को साहित्य भाषा से जोड़ा। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने हिंदी में सुधार किये। वहीं, 1949 में हिंदी को भारत में राजभाषा का दर्जा मिला।
24 अक्षर और 10 मात्राओं से बना है शब्द
हिंदी का सबसे बड़ा शब्द कुल 24 अक्षरों और 10 मात्राओं से बना है। इसमें यदि स्वर और व्यंजन को मिला दिया जाए, तो यह शब्द पूरे 34 वर्णों से बना है।
हिंदी का सबसे बड़ा शब्द कौन-सा है
अब हम यह जान लेते हैं कि हिंदी का सबसे बड़ा शब्द कौन-सा है, तो आपको बता दें कि हिंदी का सबसे बड़ा शब्द ‘लौहपथगामिनिसूचकदर्शकहरितताम्रलौहपट्टिका’ है।
क्या होता है इस शब्द का मतलब
अब सवाल है कि हिंदी के ‘लौहपथगामिनिसूचकदर्शकहरितताम्रलौहपट्टिका’ शब्द का क्या मतलब होता है। आपको बता दें कि यह शब्द समास और कई संधि को मिलाकर बनाया गया है, जिससे एक अर्थपूर्ण शब्द बनता है। इसका अर्थ "रेल की पटरियों के किनारे लगा, हरे रंग का, लोहे या तांबे का संकेतक बोर्ड।" से है।
यह शब्द भी माना जाता है सबसे लंबा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदी में एक शब्द और है, जो हिंदी के सबसे बड़े शब्दों में शुमार है। इस शब्द का प्रयोग साहित्य में किया गया है। हिंदी के कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने अपनी प्रसिद्ध रचना प्रियवास में राधा के सौंदर्य का वर्णन किया है। इस दौरान उन्होंने हिंदी के एक बड़े शब्द ‘रूपोद्यानप्रफुल्लप्रायकलिका’ का प्रयोग किया है।
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