मुकेश अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का कुल मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) पहली बार 8 लाख करोड़ रुपये के पार हो गया है. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ इस स्तर तक पहुंचने वाली देश की पहली कंपनी बन गर्इ है.
1.27 प्रतिशत बढ़त के साथ रिलायंस के एक शेयर की कीमत 1,262 रुपये हो गई और कंपनी का मार्केट कैप 8,00,001.54 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. आरआईएल ने मार्केट कैप के मामले में टीसीएस को पीछे छोड़ा है. टीसीएस का मार्केट कैप 7,77,870 करोड़ रुपये है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने लगभग ग्यारह वर्ष के अन्तराल के बाद 100 अरब डॉलर (लगभग 68 खरब रुपये) का आंकड़ा छुआ है. गौरतलब है कि आरआईएल तेल से लेकर टेलिकॉम के क्षेत्र में काम करता है. रिलायंस के 41वीं वार्षिक सम्मेलन में मुकेश अंबानी ने कहा था कि कंपनी वर्ष 2025 तक दोगुना विस्तार करना चाहती है.
बाज़ार पूंजीकरण तथा भारतीय कम्पनियां
• बाजार पूंजीकरण के मामले में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरे नंबर पर टाटा कंसल्टेंसजी सर्विसेज (टीसीएस) है.
• टीसीएस का कुल मार्केट कैप 7.8 लाख करोड़ रुपये है.
• लगभग 5.69 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ एचडीएफसी बैंक तीसरे और हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) चौथे स्थान पर है. एचयूएल का कुल मार्केट कैप 3.82 लाख करोड़ रुपये है.
• देश के पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी की बात करें तो 3.79 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ आर्इटीसी पांचवे स्थान पर है.
मार्केट कैप (बाज़ार पूंजीकरण) क्या है?
कंपनी के मार्केट कैपिटलाइज़ेशन का मतलब है शेयर बाजार द्वारा निर्धारित उस कंपनी का मूल्य. शेयर बाजार में कंपनियों को अपने मार्केट कैप के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, क्योंकि प्रत्येक वर्ग अपने कुछ विशेष लक्षण दर्शाता है. कंपनी के एक शेयर की कीमत से कुल शेयरों की संख्या को गुणा करके इसकी गणना की जाती है.
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