रूस ने वन्कोर तेल क्षेत्र में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण हेतु ओवीएल समझौते को मंजूरी प्रदान की
इस समझौते के अनुसार, ओवीएल की वन्कोर में हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत हो जाएगी जबकि अन्य तीन कम्पनियों की हिस्सेदारी 23.9 प्रतिशत होगी. परिणामस्वरूप रोस्नेफ्ट के पास 50.1 प्रतिशत हिस्सेदारी शेष रहेगी.
रूस सरकार ने 24 मार्च 2016 को ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) द्वारा वन्कोर तेल क्षेत्र में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किये जाने हेतु समझौते को मंजूरी प्रदान की.
इस समझौते की कुल लागत 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. इस पर ओवीएल एवं रोसनेफ्ट के मध्य सितंबर 2015 में हस्ताक्षर हुए थे.
यह समझौता ओवीएल एवं तीन अन्य कम्पनियों के मध्य मार्च 2016 में हुए समझौते के अतिरिक्त किया गया.
इस समझौते के अनुसार, ओवीएल की वन्कोर में हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत हो जाएगी जबकि अन्य तीन कम्पनियों की हिस्सेदारी 23.9 प्रतिशत होगी. परिणामस्वरूप रोस्नेफ्ट के पास 50.1 प्रतिशत हिस्सेदारी शेष रहेगी.
इससे भारत को रूस के तेल बाज़ार में पैठ बनाने का अवसर प्राप्त होगा जबकि रोस्नेफ्ट को भारतीय बाज़ार में भागीदारी का अवसर प्राप्त होगा.
वन्कोर तेल क्षेत्र
• यह रूस के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र में स्थित है जहां 500 मिलियन टन तेल मौजूद है एवं 182 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस भंडार मौजूद है.
• इसने वर्ष 2009 से व्यापारिक उत्पादन आरंभ किया, वर्तमान में यह प्रतिदिन 440000 बैरल तेल उत्पादन करता है.
• इस क्षेत्र में तेल एवं गैस भंडार की खोज वर्ष 1988 में की गयी. यह पूर्वी साइबेरिया पसिफ़िक ओसियन (ईएसपीओ) पाइपलाइन को भरपूर मात्रा में उत्पादन करता है जिससे चीन की उर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति होती है.
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