रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में पूर्वी यूक्रेन के पृथकतावादी विद्रोही इलाके को स्वतंत्र राज्य की मान्यता दे दी है. उन्होंने यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी है. इन दोनों ही क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण (Control) है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इसके बाद कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. उनके आदेश के अनुसार, अब रूसी सेनाएं यूक्रेन के इन अलगाववादी क्षेत्रों में घुसकर शांति कायम करने का काम करेंगी. रूस के इस फैसले से यूक्रेन-रूस के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया है. अमेरिका हमेशा कहता रहा है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है.
Russian President Vladimir Putin announces the recognition of two separatist republics in eastern Ukraine - Donetsk and Lugansk - as independent. pic.twitter.com/O46RKXyHlZ
— ANI (@ANI) February 21, 2022
अलगाववादियों का नियंत्रण
लुहान्सक एवं दोनेत्स्क क्षेत्र में रूसी समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है. आपको बता दें कि इन्हें सामूहिक रूप से डोनबास के रूप में जाना जाता है. ये साल 2014 में यूक्रेन की सरकार के नियंत्रण से अलग हो गए थे और स्वयं को स्वतंत्र लोगों का गणराज्य घोषित कर दिया था, लेकिन अब तक इन्हें मान्यता नहीं मिल पाई है. तब से, यूक्रेन का कहना है कि अलगाववादियों (separatists) से लड़ाई में लगभग 15 हजार लोग मारे गए हैं. रूस इस संघर्ष में अलगाववादियों का समर्थन देने से मना करता रहा है.
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण
रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों के बीच तनाव एवं बढ़ने की आशंकाएं गहरा गई है. राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की तथा इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के सैन्य बल एवं हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है.
साल 1945 के बाद सबसे बड़ी जंग की तैयारी
अमेरिका और उसके सहयोगियों के अनुसार रूस, यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है. अमेरिकी अनुमानों के अनुसार यूक्रेन की सीमा पर अब लगभग 1 लाख 69 हजार से लेकर 1 लाख 90 हजार के बीच रूसी सैनिक तैनात हैं. ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन के अनुसार रूस साल 1945 के बाद सबसे बड़ी जंग की तैयारी में है.
रूस द्वारा मान्यता देने का मतलब
आपको बता दें कि रूस कहता है कि वह डोनबास को यूक्रेन का हिस्सा नहीं मानता है. इस इलाके में रूस अपनी सेना भेजता रहता है तथा कहता है कि यूक्रेन से इन लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है. पिछले महीने यहां के अलगाववादियों ने रूस से सहायता मांगी थी. इस कारण से यहां यूक्रेन और रूस के सैनिकों के बीच टकराव बढ़ने की संभावना है.
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