रूस ने 04 अक्टूबर 2021 को पहली बार परमाणु पनडुब्बी से लॉन्च किए जाने वाले घातक जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. रूस ने परीक्षण के सफल होने के बाद खुद इसकी घोषणा की है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नई पीढ़ी के हिस्से के रूप में इसकी सराहना की है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सेवेरोडविंस्क पनडुब्बी ने मिसाइल को बेरिंट सागर में दागा गया था, जिसने अपने चुने हुए लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधा. इस मिसाइल ने परीक्षण के दौरान अपने लक्ष्य को निशाना बनाया. बताया जा रहा है कि रूसी नौसेना ने जिरकॉन किलर मिसाइल का किसी परमाणु पनडुब्बी की मदद से यह पहला परीक्षण किया है.
जिरकोन मिसाइल का प्रक्षेपण
यह पहली बार है जब जिरकॉन मिसाइल का प्रक्षेपण पनडुब्बी के जरिये किया गया. इससे पहले जुलाई में नौसेना के युद्धपोत से इसका कई बार परीक्षण किया गया था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जिरकॉन ध्वनि की गति से नौ गुना तेज उड़ान भरने में सक्षम होगी और यह 1,000 किलोमीटर सीमा क्षेत्र में लक्ष्य को निशाना बना सकती है.
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— Минобороны России (@mod_russia) October 4, 2021
रूसी सैन्य क्षमता में काफी वृद्धि
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इसकी तैनाती से रूसी सैन्य क्षमता में काफी वृद्धि होगी. अधिकारियों के अनुसार, जिरकॉन के परीक्षण इस साल के अंत में पूरे होने हैं और इसे 2022 में रूसी नौसेना में शामिल किया जाएगा. जिरकॉन का उद्देश्य रूसी क्रूजर, युद्धपोत और पनडुब्बियों को बांटना है. यह रूस में विकसित कई हाइपरसोनिक मिसाइलों में से एक है.
जिरकॉन एक एंटी शिप क्रूज मिसाइल
अमेरिका और नाटो देशों के साथ तनाव के बीच रूस लगातार अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन का परीक्षण कर रहा है. हालांकि किसी परमाणु सबमरीन से यह परीक्षण पहली बार किया गया है. जिरकॉन एक एंटी शिप क्रूज मिसाइल है और इस सफल परीक्षण के बाद माना जा रहा है कि इसे जल्द ही सक्रिय कर दिया जाएगा. अमेरिका के पास अभी भी कोई ऑपरेशनल हाइपरसोनिक मिसाइल नहीं है.
मिसाइल का सफल परीक्षण
रूस ने जुलाई में एक युद्धपोत से सिर्कोन मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. इस दौरान ध्वनि से सात गुना अधिक रफ्तार से इस मिसाइल ने 350 किलोमीटर दूर बेरिंट सागर के तट स्थित लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाया. नाटो ने रूस की नई हाइपरसोनिक मिसाइलों को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे यूरो-अटलांटिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को खतरा पैदा हो गया है.
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