सऊदी अरब ने हाल ही में भारतीयों के लिए हज यात्रा के कोटे में 30,000 का इजाफा कर दिया है. भारत से अब एक साल में 2 लाख यात्री हज यात्रा पर जा सकते हैं. अब तक यह आंकड़ा 1,70,000 का था.
मक्का में हर साल विश्व भर से लाखों की संख्या में लोग हज यात्रा के लिए जाते हैं. यह फैसला जी-20 बैठक से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में लिया गया.
जी-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापार और निवेश, ऊर्जा सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर बात की. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब को महत्वपूर्ण रणनीतिक साझीदार बताया. |
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने दोनों नेताओं की मीटिंग के बाद कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारतीयों के लिए हज कोटे को 1,70,000 से बढ़ाकर 2 लाख करने का फैसला लिया है. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पीएम मोदी के बीच इस मीटिंग के दौरान टूरिज्म में इजाफे को लेकर भी बातचीत हुई.
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हज कोटे में दोगुनी वृद्धि
पाकिस्तान के तुलना में भारत के हज कोटे में दोगुनी वृद्धि की गई है. पाकिस्तान का हज कोटा इस बार 184,210 से बढ़ाकर 2 लाख किया गया गया है. अर्थात इस बार पाकिस्तान से 15,790 अधिक हज यात्री मक्का जाएंगे. वहीं भारतीय मुसलमानों के लिए कोटे में 30000 की वृद्धि की गई है. इस प्रकार इस साल से भारत और पाकिस्तान से बराबर हज यात्री मक्का मदीना जाएंगे.
सऊदी अरब, भारत का कच्चे तेल का शीर्ष आपूर्ति करने वाला देश है. हालांकि दोनों देशों ने ऊर्जा सहयोग से आगे बढ़कर अपने संबंधों को विस्तार दिया है. दोनों देशों की सरकारें सामरिक साझेदारी हेतु सहमत हुई हैं. |
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पृष्ठभूमि
सरकार ने पिछले साल महिलाओं को बिना ‘मेहरम’ या पुरुष साथी के हज जाने की अनुमति दी थी. इस अनुमति के बाद करीब 1,300 महिलाएं अकेली हज यात्रा पर गई थी. उन्हें ‘लॉटरी सिस्टम’ से भी छूट दी गई थी. सऊदी अरब ने साल 2018 में हज कोटे में पांच हजार की बढ़ोतरी की थी. वहीं सऊदी अरब ने साल 2017 में 35,000 की वृद्धि की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के साल 2012 में दिए फैसले के बाद पिछले साल सरकार द्वारा दी जाने वाली हज सब्सिडी को हटा दिया गया था.
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