सुप्रीम कोर्ट ने गवाह संरक्षण योजना को मंज़ूरी दी

Dec 6, 2018, 16:59 IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को वित्तीय और अन्य तरीके से मदद कर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के इस काम का सहयोग करना चाहिए.

SC approves Witness Protection Scheme 2018
SC approves Witness Protection Scheme 2018

सुप्रीम कोर्ट ने 05 दिसंबर 2018 को केंद्र की गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को मंजूरी दे दी और सभी राज्यों को इस संबंध में संसद द्वारा कानून बनाए जाने तक इसका पालन करने का निर्देश दिया है.

जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की पीठ ने कहा कि उसने इस योजना में कुछ बदलाव किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाह सुरक्षा योजना, 2018 संविधान के अनुच्छेद 141 और 142 के तहत तबतक 'कानून' रहेगा जबतक इस विषय पर संसद या राज्य द्वारा उचित कानून नहीं बनाए जाते.

वित्तीय और अन्य तरीके से मदद:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को वित्तीय और अन्य तरीके से मदद कर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के इस काम का सहयोग करना चाहिए.

उचित सुरक्षा मुहैया:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों के अपने बयान से पलट जाने की मुख्य वजहों में से एक राज्यों द्वारा उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया ना कराना भी होता है.

योजना तैयार:

केंद्र सरकार ने 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, पांच राज्य कानून सेवा प्राधिकारियों और सिविल सोसाइटी, 3 हाई कोर्टों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों समेत खुले स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह योजना तैयार की है

गवाही देने के लिए परिसर:

कोर्ट ने कहा कि एक साल के भीतर यानी कि साल 2019 के अंत तक सभी ज़िलों में ‘गवाही देने के लिए परिसर’ बनाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को लागू करने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है.

जनहित याचिका पर सुनवाई:

आसाराम से जुड़े बलात्कार मामले के गवाहों के संरक्षण के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में गवाह संरक्षण योजना की बात सामने आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा कि जब तक कि इसे कानून नहीं बनाया जाता तब तक वे गवाह संरक्षण योजना के मसौदे का पालन करें.

19 नवंबर को सुनवाई के दौरान:

इससे पहले 19 नवंबर को सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया था कि गवाह संरक्षण योजना के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है. अब तय प्रक्रिया के तहत उसे कानून का रूप दिया जाएगा, लेकिन उस वक्त तक इसका अनुपालन करने का निर्देश न्यायालय को सभी राज्यों को देना चाहिए.

इस मामले में न्याय-मित्र के रूप में शीर्ष अदालत की मदद कर रहे वकील गौरव अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से चर्चा करने के बाद गवाह संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया है.

गवाह संरक्षण योजना तीन श्रेणियों में:

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिए गए गवाह संरक्षण योजना के मसौदे में गवाहों को खतरे के आकलन के आधार पर तीन श्रेणियों में रखा गया है.

गवाह संरक्षण योजना, 2018 के मसौदे के अनुसार यह गवाहों को संरक्षण मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहला गंभीर प्रयास है. मसौदे में कहा गया है कि न्याय की आंख और कान होने वाले गवाह अपराध करने वालों को न्याय के कठघरे तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

इस योजना में गवाह की पहचान को सुरक्षित रखना और उसे नई पहचान देने सहित गवाहों के संरक्षण के लिए अनेक प्रावधान हैं.

केंद्र सरकार ने अप्रैल 2018 में न्यायालय को सूचित किया था कि उसने गवाह संरक्षण योजना का मसौदा तैयार किया है और इस पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राय जानने के लिए उनके पास भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गवाह संरक्षण योजना कम से कम संवेदनशील मामलों में तो लागू की जा सकती है और इसके लिए गृह मंत्रालय व्यापक योजना तैयार कर सकता है.

 

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने मृत्युदंड की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News