सरकार की अनुमति बिना निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते: सुप्रीम कोर्ट

Jan 24, 2017, 12:10 IST

उच्च न्यायलय के निर्णय को बरकरार रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध यह फैसला दिया. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर संचालित प्राइवेट स्कूल, सरकार की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकते.

 Supreme-cour दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर संचालित प्राइवेट स्कूल, सरकार की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकते. यह आदेश 23 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए किया.

प्राइवेट स्कूल संचालकों ने उच्च न्यायलय के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उच्च न्यायलय के निर्णय को बरकरार रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध यह फैसला दिया.

पूर्व में स्कूलों ने उच्च न्यायलय के फैसले को नियम विरुद्ध बताया था. इस मामले में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन ऐक्ट ऐंड रुल्स 1973 (डीएसईएआर) का तर्क दिया.

प्राइवेट स्कूल संचालकों के अनुसार उक्त अधिनियम के अनुसार स्कूलों को अपनी फीस बढ़ाने का हक है. राजधानी में 400 से अधिक स्कूल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर संचालित हैं.

अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स ऐक्शन कमिटी के अध्यक्ष एस. के. भट्टाचार्य के अनुसार यह फैसला अपने आप से पूर्ण नहीं इस फैसले में बहुत कमियां हैं. डीएसईएआर 1973 के आर्टिकल 17 सी के अनुसार, स्कूलों को अपनी फीस तय करने का अधिकार प्रदान किया गया है.

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इस अधिनियम के अनुसार प्राइवेट स्कूल संचालकों को फीस तय करने हेतु शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. यह पार्लियामेंट द्वारा पास किया गया अधिनियम है, इसमें बिना बदलाव किए यह आदेश कैसे पारित किया जा सकता है.

अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स ऐक्शन कमिटी के अध्यक्ष एस. के. भट्टाचार्य के अनुसार दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) लैंड पर चल रहे स्कूल पहले से ही 25% सीटें ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को फ्री में प्रदान कर रहे हैं.

दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. सी. जैन के अनुसार दिल्ली में संचालित सभी स्कूलों की मैनेजमेंट कमिटी होती है. इस कमिटी में दो सरकार के नॉमिनी होते हैं, जो शिक्षा निदेशालय द्वारा किए जाते हैं.

मुख्य तथ्य-

दिल्ली स्कूल एडवाइजरी बोर्ड के दो मेंबर्स, पैरंट्स टीचर्स एसोसिएशन का एक नॉमिनी और बाकी एजुकेशन कमिटी के मेंबर होते हैं.
मैनेजमेंट कमिटी की मीटिंग में ही फीस स्ट्रक्चर और फीस बढ़ाए जाने पर फैसला किया जाता है.
इसे शिक्षा निदेशालय अप्रूवल देता है.
फीस में बढ़ोतरी निदेशालय की इजाजत से की जाती है, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में कोई नई बात नहीं है. डीडीए लैंड पर संचालित स्कूल या निजी स्कूल इस नियम का अनुसरण कर रहे हैं.

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