वैज्ञानिकों ने एक नया यूनिवर्सल कैंसर टेस्ट विकसित किया है जो हर तरह के कैंसर का पता लगाने में सक्षम है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह टेस्ट डीएनए की संरचना पर आधारित है. यह 10 मिनट के अंदर कैंसर और उसके प्रकार का पता लगा सकता है.
टेस्ट में सोने के कणों का इस्तेमाल किया गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक कैंसर का डीएनए सोने के कणों की ओर ज्यादा आकर्षित होता है. यह टेस्ट बहुत सस्ता है जिसे आसानी से किया जा सकता है. हालांकि, इस टेस्ट पर अभी काम चल रहा है.
यह रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है. इसे नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है.
टेस्ट कैसे काम करता है?
वर्तमान में कैंसर की जांच के लिए बायोप्सी की जाती है. इसमें सर्जरी की मदद से ट्यूमर का छोटा-सा हिस्सा लिया जाता है. नई रिसर्च का लक्ष्य जांच के ऐसे तरीके को विकसित करना था, जिसमें चीर-फाड़ कम हो और शुरुआती स्टेज में ही कैंसर का पता लगाया जा सके.
इंसान में मौजूद हर कोशिका में एक तरह का ही डीएनए होता है. लेकिन अध्ययन के दौरान पाया गया कि कैंसर की शुरुआत होने पर डीएनए में कई बदलाव होने लगते हैं. नॉर्मल डीएनए में मौजूद मिथाइल ग्रुप के कारण इसकी संरचना खास होती है और यह अपना काम ठीक तरह से कर पाता है, लेकिन कैंसर की स्थिति में इसकी संरचना में बदलाव होता है और कैंसर कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं.
लैब में इसका पता लगाने के लिए सोने का इस्तेमाल किया गया. रिसर्च में सामने आया कि कैंसर वाले डीएनए सोने के कणों की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. वैज्ञानिकों ने इसे और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए टेस्ट किया.
जांच के दौरान डीएनए को सोने के कणों के साथ सॉल्यूशन में मिलाया. नतीजे के तौर पर संरचना के रंग में बदलाव दिखा. पांच मिनट के अंदर ही ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी से कैंसर वाले डीएनए की पहचान हो गई.
200 टिश्यू और ब्लड सैम्पल:
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब तक 200 टिश्यू और ब्लड सैम्पल लिए गए, जिसके 90 प्रतिशत परिणाम सटीक मिले हैं. इस टेस्ट की सहायता से ब्रेस्ट कैंसर, प्रॉस्टेट कैंसर, बॉवेल कैंसर और लिम्फोमा कैंसर भी सही साबित हुआ.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation