केंद्र सरकार ने कहा है कि यदि आप किसी रेस्तरां या होटल में जाते हैं और वहां सेवाओं से संतुष्ट नहीं होते हैं तो बिल चुकाते समय आप सर्विस चार्ज देने से इन्कार कर सकते हैं.
कोई भी होटल, कंपनी और रेस्तरां ग्राहकों से जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकती. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में स्थिति साफ करते हुए यह स्पष्टीकरण जारी किया है.
वहीं इस मामले में होटल और रेस्तरां परिचालकों की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. होटल और रेस्तरां परिचालकों का कहना है कि सर्विस चार्ज के बारे में सरकार के स्पष्टीकरण से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होगी.
उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के प्रावधानों को रेखांकित करते हुए मंत्रलय ने कहा है कि यदि किसी उपभोक्ता को अनुचित ढंग से पैसा देने के लिए मजबूर किया जाता है तो वह इसकी शिकायत उपभोक्ता मंच से कर सकता है.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि होटल एवं रेस्तरां में सर्विस चार्ज देना अनिवार्य नहीं है. यदि ग्राहक सेवा से खुश नहीं है तो वह इसे हटवा सकता है.
फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया का कहना है कि वह इस मुद्दे को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के समक्ष उठाएगी.
इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि होटल एवं रेस्तराओं में इस बारे में सूचना पट के जरिये स्पष्ट तौर पर सूचना दी गई हो.
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