सेशेल्स ने भारत के साथ नौसेनिक परियोजना रद्द की

Jun 18, 2018, 09:31 IST

सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने घोषणा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के सभी उद्देश्य समाप्त हो चुके हैं और सेशेल्स अगले वर्ष खुद अपने पैसों से इस सैन्य अड्डे का निर्माण करेगा.

Seychelles cancelled agreement with India to build a naval project
Seychelles cancelled agreement with India to build a naval project

सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने असम्पशन द्वीप पर भारत की मदद से सैन्य अड्डा बनाने की परियोजना को रद्द कर दिया है. इस माह के आरंभ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेशेल्स के राष्ट्रपति ने कहा कि वे भारत दौरे के दौरान असम्पशन द्वीप परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे. सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे 25-26 जून को भारत आ रहे हैं.

डैनी फॉरे ने घोषणा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के सभी उद्देश्य समाप्त हो चुके हैं और सेशेल्स अगले वर्ष खुद अपने पैसों से इस सैन्य अड्डे का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा, 'अगले साल के बजट में हम असम्पशन द्वीप पर तट रक्षक सुविधा बनाने के लिए फंड निकालेंगे. हमारे लिए इस क्षेत्र में सैन्य पोस्ट का निर्माण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है.

घटनाक्रम

•    भारत और सेशेल्स के बीच परियोजना पर 2015 में समझौता हुआ था.

•    दोनों देशों ने इसे गुप्त रखने का फैसला किया था लेकिन कुछ ही दिन पहले परियोजना की जानकारी लीक हो गई थी.

•    इसके बाद सेशेल्स के राजनीतिक दलों ने फॉरे का विरोध शुरू कर दिया था.

•    इसके बाद विदेश सचिव विजय गोखले विक्टोरिया (सेशेल्स की राजधानी) की यात्रा पर गए थे लेकिन वह इस समझौते को बनाए रखने में असफल रहे.

•    इस समझौते पर दोबारा चर्चा और हस्ताक्षर पूर्व विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने किए थे. हालांकि, उनके दौरे के अंत तक ही यह माना जाने लगा था कि इस समझौते को बचाया नहीं जा सकता है.

•    इस प्रकार यह समझौता लंबे समय से अधर में ही लटका हुआ था.

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण?

भारत लंबे समय से सेशेल्स की राजधानी माहे के दक्षिण-पश्चिम में मौजूद असम्पशन द्वीप में नौसैनिक बेस तैयार करना चाहता है. इसकी एक वजह क्षेत्र में तेजी से बढ़ती चीन की मौजूदगी है. भारत यहां तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर कूटनीतिक बढ़त बनाना चाहता है. भारत और सेशेल्स के बीच असम्पशन द्वीप को लेकर पहला समझौता 2015 में हुआ था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधिकारिक दौरे पर सेशेल्स पहुंचे थे.

 

कारण

सेशेल्‍स की मीडिया द्वारा कहा जा रहा है कि समझौता रद्द होने के पीछे भारतीय मूल के तथा सेशेल्स के विपक्षी नेता रामकलावन जिम्मेदार हैं. सेशेल्स के नियमों के अनुसार वहां विपक्ष की सहमति के बिना यह समझौता नहीं हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि सेशेल्स फ़्रांस के साथ मिलकर यह समझौता करना चाहता है तथा फ़्रांस इस क्षेत्र में रह रहे अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा हेतु यह परियोजना अपने हाथ में लेना चाहता है.

 

क्या था समझौता?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मार्च 2015 की सेशेल्स की यात्रा के दौरान वहां भारतीय सैन्य अड्डा बनाने का समझौता हुआ था. भारत ने सेशेल्स के साथ 20 साल का अनुबंध किया था. इसके तहत सेशेल्स में भारतीय सेनाओं के लिए एक हवाई पट्‌टी और पानी के जहाजों को खड़ा करने के लिए जेटी का निर्माण किया जाना था. हिंद महासागर में ही जिबूती में चीन ने भी अपना सैन्य अड्डा स्थापित कर लिया है. इस समझौते से भारत इस क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर नज़र रख सकता था. सेशेल्स 155 द्वीपों वाला हिन्द महासागर में स्थित देश है.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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